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प्राइवेट बसों के खिलाफ अभियान पड़ गया ठंडा

बस अड्डे के सामने से ही संचालित हो रही हैं प्रतापगढ़-जौनपुर रूट पर प्राइवेट बसें

dhruva.shankar@inext.co.in

ALLAHABAD: प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने 30 अप्रैल को सर्किट हाउस में आरटीओ विभाग के साथ समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने रोडवेज के आसपास अवैध तरीके से प्राइवेट बसों का संचालन बंद करने का निर्देश दिया था। साथ ही इस अभियान में हीलाहवाली करने पर विभागीय अधिकारियों पर चेतावनी की भी बात कही थी लेकिन उनका निर्देश विभागीय अधिकारियों ने अनसुना कर दिया है। ऐसा इसलिए कि सिविल लाइंस बस अड्डे के सामने से ही एक या दो नहीं बल्कि दिनभर में एक दर्जन से अधिक प्राइवेट बसें धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने स्टिंग किया तो यह हकीकत सामने आई।

रात गई तो बात गई

परिवहन राज्य मंत्री के निर्देश पर प्राइवेट बसों के संचालन के खिलाफ विभागीय अधिकारियों ने गोपनीय तरीके से ऐसे वाहनों को पकड़ने का अभियान शुरू किया था। लेकिन अभियान सिर्फ कागजों में ही सीमित रह गया है। सिविल लाइंस बस अड्डे के सामने शुक्रवार को दोपहर एक बजे प्रिंस ट्रैवेल्स की दो बसें जौनपुर और आजमगढ़ के लिए सवारियां भर रही थी। डिपो के सामने से सवारी क्यों भर रहे हो भाई, यह सवाल पूछने पर चालक डब्बू ने सिर्फ यही कहा कि हम तो चार साल से यही काम कर रहे हैं। चेकिंग वेकिंग का डर हमको नहीं रहता है। आप बेकार में फोटो खीच रहे हो।

50 कदम की दूरी पर सुबह सात बजे से होता है संचालन

बस अड्डे से मुश्किल से 50 कदम की दूरी से दिनभर में प्रतापगढ़ व मांडा की ओर 20 से 25 प्राइवेट बसें जाती हैं। इनमें से सर्वाधिक उप्र प्रयाग दीप नाम से सात प्राइवेट बसें कुंडा और मानिकपुर की सवारियों को ले जाती है। दोपहर 1:30 बजे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सामने दो बसें सवारियां भर रही थी। लेकिन संचालक, वाहन चालक व खलासी सहित तीन अन्य लोगों के चेहरे पर इस बात की जरा सा भी शिकन नहीं दिखी कि रोडवेज से चंद कदम की दूरी पर वह गलत काम कर रहे हैं। वाहन स्वामी राहुल ने तो यहां तक कह दिया कि अभियान से कुछ फर्क नहीं पड़ता है, काहे दो दिनों के लिए पेट पर लात मारने के लिए फोटो खीच रहे हो।

मानक के विपरीत धुआंधार चल रही बसें

इलाहाबाद ही नहीं प्रदेश के किसी भी बस अड्डे की एक किमी की परिधि में प्राइवेट बसों के संचालन को प्रतिबंधित किया गया है। ऐसा नियम खुद आरटीओ की नियमावली में है। जबकि प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद रोडवेज को घाटे से उबारने के लिए प्राइवेट बसों की धरपकड़ के लिए अभियान भी शुरू किया गया। लेकिन सिविल लाइंस बस अड्डे के सामने नाक के नीचे इसका खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। बस अड्डे से सौ मीटर की रेंज में ही सबसे ज्यादा प्राइवेट बसें चलाई जा रही है।

प्राइवेट बसों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जब से नई सरकार गठित हुई है इलाहाबाद के डिपो से 50 प्राइवेट बसों को अवैध संचालन के लिए पकड़ गया है। आठ मई को सिविल लाइंस डिपो के सामने से पांच प्राइवेट बसों को पकड़कर जुर्माना लगाया गया था।

आरके सरोज, एआरटीओ