नींद में है मॉनिटरिंग कमिटी
हास्पिटल में मरीजों को बेहतर व तय मात्रा के हिसाब से नाश्ता व भोजन मिले, इसके लिए व्यवस्था तो की गई है, लेकिन वह सफल नहीं हो पा रही है। मरीजों की डाइट पर नजर रखने के लिए रिम्स प्रशासन की ओर से मॉनिटरिंग कमिटी बनाई गई है। इस कमिटी को परोसे जाने वाले नाश्ते व भोजन की रेगुलर मॉनिटरिंग करनी है, लेकिन यह आंखें मूंदे हुई है, जिसका फायदा एजेंसी उठा रही है। वे मरीजों के भोजन के नाम पर खिलवाड़ कर रहे हैं।

क्वालिटी घटिया, मात्रा भी कम
हर दिन की तरह मंगलवार को भी मरीजों को सुबह नाश्ते में तीन तरह के फल तो परोसे गए, लेकिन उसकी क्वालिटी अच्छी नहीं थी। इतना ही नहीं, तय मात्रा से कम फल मरीजों के बीच वितरित किया गया। किसी को अनार मिला तो किसी को अंगूर। किसी भी मरीज को तय किए डाइट के हिसाब से पूरे फल नहीं दिए गए।

थाली में नाममात्र का मिला पनीर
दिन के भोजन में मरीजों को सब्जी के तौर पर पनीर परोसा गया। लेकिन, सब्जी के नाम पर भी एजेंसी ने डंडी मार ली। कुछ मरीजों के प्लेट में सिर्फ नाम का पनीर था। तय मात्रा से कम पनीर परोसा जाना इस बात का संकेत है कि यहां मरीजों के डाइट के नाम पर कहीं न कहीं पैसे का बंदरबांट हो रही है।