आगरा। 'सुनो, सुनो, सुनो। मनोज गोयल.तेल चोरी के मामले में.भगोड़ा घोषित किया जाता है। मनोज पर थाना हाईवे में मुकदमा दर्ज है'। यह कोई फिल्म का सीन नहीं है। तेल माफिया मनोज गोयल के घर का नजारा हैं। जहां शनिवार को मथुरा की पुलिस कुर्की का नोटिस चस्पा करने पहुंची। पुलिस की ये कार्रवाई कॉलोनी में कौतूहल का केंद्र बन गई। फिलहाल पुलिस तेल चोरी के फरार आरोपी मनोज पर शिकंजा कसने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।

कोर्ट ने जारी किया है एनबीडब्ल्यू

मथुरा रिफायनरी की लाइन में मनोज गोयल ने सेंध लगाकर भारी मात्रा में तेल चोरी किया था। मामला खुलने पर पुलिस ने 17 फरवरी को तेल चोरी में मुकदमा दर्ज किया। उसके पेट्रोल पंप पर कार्रवाई की गई। इसके बाद से वह फरार चल रहा है। पुलिस तलाश में जुटी है, लेकिन नतीजा सिफर है। इधर, कोर्ट ने मनोज के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। मनोज का घर हरीपर्वत थाना क्षेत्र स्थित नेहरू नगर में है। लिहाजा मथुरा पुलिस लगातार आगरा पुलिस से अपडेट ले रही है।

कुर्की का नोटिस चस्पा

शनिवार दोपहर मथुरा क्राइम ब्रांच से एसआई सुरेंद्र सिंह और एसआई अरविंद पाठक आगरा आए। यहां थाना हरीपर्वत पुलिस से संपर्क किया। पुलिस टीम संयुक्त नेहरु नगर चौकी पर गई। चौकी के पीछे ही तेल माफिया मनोज गोयल की कोठी है। टीम यहां पहुंची। चौकीदार हरी सिंह मिला। पुलिस ने यहां डुगडुगी बजाते हुए नोटिस चस्पा किया।

कॉलोनी में बजी डुगडुगी

इस दौरान दो ढोल वालों को बुलाया गया। पहले मनोज गोयल के घर पर घोषणा की गई फिर ढोल बजाते हुए कॉलोनी में पचास से सौ मीटर तक ढोल और पुलिस कर्मी मुनादी की खानापूर्ति करते हुए गए। पुलिस ने पार्क के गेट पर भी नोटिस चस्पा किया। इसके बाद पुलिस टीम ने वापस लौटने के दौरान आईएसबीटी पर भी नोटिस चिपकाया। पुलिस के मुताबिक नोटिस अन्य बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन आदि सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा।

तेल माफिया की जांच दबा गए एसडीएम

तेल माफिया के लिए अधिकारी लगातार कार्रवाई के आदेश दे रहे हैं, लेकिन यह आदेश कागजों में ही सिमट जा रहे हैं। तेल माफिया की जांच को एसडीएम दबा गए हैं। दो रिमाइंडर भेजने के बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। डीएम गौरव दयाल के आदेश पर मामले की जांच चल रही है। डीएम ने सदर, किरावली व एत्मादपुर के एसडीएम से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें पंपों का सत्यापन करना था.पेट्रोल पंपों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) वर्ष 2014 से 2016 के बीच जारी हुई है। नियमों का पालन नहीं किया गया है और चोरी का पेट्रोल बेचने की आशंका है। लिहाजा पिछले माह मांगी गई रिपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर भेजना था, लेकिन तीनों एसडीएम ने रिपोर्ट नहीं भेजी गई। जिस पर पिछले दिनों दो रिमाइंडर भेजे गए, लेकिन अभी तक पंपों का सत्यापन नहीं किया गया है।