CBSE व ICSE बोर्ड के स्कूलों में भारी भरकम फीस वसूली पर जताया विरोध

ALLAHABAD: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्र सैटरडे को क्रमिक अनशन पर बैठे। छात्रों ने शिक्षा के व्यापारीकरण एवं मनमानी फीस वसूली का विरोध किया। छात्रों ने कहा कि स्कूल व कॉलेजेस में धनउगाही से अभिभावकों का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। छात्रों ने डीएम को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम पुनीत शुक्ल को सौंपा। महानगर मंत्री रिंकु पयासी एवं जिला संयोजक अंजनी शुक्ल ने कहा कि सभी स्कूल्स में एक समान फीस स्ट्रक्चर होना चाहिये।

छात्रों की मांगें

गैर मान्यता प्राप्त व मानक के विपरीत कॉलेजेस पर रोक लगे

स्कूल्स की फीस प्रशासन तय करे

छात्रों से जिस मद में फीस ली जाये उसकी पूरी रसीद दी जाये।

एनसीआरटी की ही किताबें पढ़वाई जायें

कैम्पस के अन्दर अथवा निर्धारित दुकानों पर कापी किताब लेने पर मजबूर न किया जाय

25 फीसदी गरीब छात्रों के प्रवेश के नियम का कड़ाई से अनुपालन हो। इसकी विधिवत जांच भी हो।

प्रतिवर्ष किताबों के बदलने की प्रक्रिया पर रोक लगे। कम से कम तीन वर्ष तक किताबें न बदली जायें।

स्कूल वाहन के शुल्क का निर्धारण किलोमीटर के आधार पर हो।

स्कूल्स व कॉलेजेस में योग्यतानुसार ही शिक्षक नियुक्त किये जायें

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बाक्स में अलग खबर के रूप में लेंफोटो

राष्ट्रीय आय का छह फीसदी शिक्षा पर हो खर्च

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ALLAHABAD: सीमैट सभागार में शिक्षा के अधिकार के परिप्रेक्ष्य में समान शिक्षा व्यवस्था विषय पर शैक्षिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ। नरेन्द्र कुमार सिंह गौर ने कहा कि शिक्षा पर राजनीति बंद होनी चाहिये। सभी दलों को मिलकर एक समान शिक्षा नीति का निर्धारण करना चाहिये। कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार राष्ट्रीय आय का 06 फीसदी शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करे।

क्रिया योग संस्थान की निदेशक स्वामी राधा सत्यम एवं भाजपा की पूर्व विधायक सीमा द्विवेदी ने नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा को लागू किये जाने की बात कही। इस अवसर पर सीमैट सचिव संजय सिन्हा, शिक्षाविद् डॉ। आरपी वर्मा, अपना दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ। शैलेश आदि मौजूद रहे।

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इंजीनियरिंग से मंहगी नर्सरी की किताब

स्वच्छ वसुन्धरा सोसाइटी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर प्राईवेट स्कूल की मनमानी पर तत्काल रोक की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि स्कूल एडमिशन फीस, डीए, गेम्स, जनरेटर, कैलेंडर, एसएमएस चार्ज, भवन चार्ज आदि के नाम पर भारी फीस वसूल रहे हैं। नर्सरी की कुछ किताबें इंजीनियरिंग से भी ज्यादा मंहगी हैं। स्कूल्स के खिलाफ एफआईआर की भी मांग उठाई गई है। ज्ञापन देने वालों में विवेक अग्रवाल, सुनील जायसवाल, चन्द्रशेखर वैश्य, संतोष मिश्रा आदि शामिल रहे।