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RANCHI (6 Oct) : हज को लेकर केंद्र सरकार की ओर से लाये गये नये प्रस्ताव में देश भर के इम्बार्केशन प्वाइंट कम कर दिये गये हैं। इसकी चपेट में रांची शहर भी आ गया है। प्रस्ताव के अनुसार अब रांची से हज यात्रियों के लिए उड़ान नहीं होगी। झारखंड के हज यात्रियों को अब दूसरे राज्य के किसी शहर से ही फ्लाइट लेना होगा। इस प्रस्ताव का रांची में विरोध शुरू हो गया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ-साथ झारखंड राज्य हज कमेटी ने भी इस प्रस्ताव का विरोध कर दिया है। हालांकि, कमेटी ने हज यात्रा पर सब्सिडी खत्म करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है। दरअसल, अब हज के लिए प्रस्थान स्थलों की संख्या को ख्क् से हटाकर नौ किया जाएगा। दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोच्ची से लोग हज के लिए प्रस्थान कर सकेंगे। अभी रांची से सीधी उड़ान की व्यवस्था थी। इस साल नैस एयरवेज के विमान से झारखंड के हज यात्री सीधे रांची से सऊदी अरब गये थे। नया प्रस्ताव स्वीकार होता है, तो रांची के लोगों को कोलकाता या मुंबई से प्रस्थान करना पड़ेगा।

नकवी से मिलने दिल्ली जाएंगे लोग

रांची से हज कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोख्तार अब्बास नकवी से मिलने दिल्ली जाएगा। रविवार को नयी हज नीति को लेकर एक बैठक भी हुई, जिसमें हज कमेटी के अध्यक्ष मंजूर अहमद अंसारी ने सब्सिडी खत्म करने के प्रस्ताव का स्वागत किया। दूसरी ओर, रांची से इम्बार्केशन प्वाइंट हटाने का जोरदार विरोध किया गया।

बिना मेहरम के भी जा सकेंगी महिलाएं

नये प्रस्ताव के अनुसार ब्भ् वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को बिना मेहरम (पुरुष सहयोगी) के हज पर जाने की इजाजत मिलेगी। इस फैसले का भी कुछ लोगों ने स्वागत किया है। हालांकि, हज कमेटी ने इस मामले में कुछ भी नहीं कहा है। मेहरम के बिना हज पर जाने के लिए चार महिलाओं का समूह बनाना होगा। सरकार मेहरम के लिए कोटा ख्00 से बढ़ाकर भ्00 करना चाहती है। मेहरम उसे कहते हैं, जिससे महिला का निकाह नहीं हो सकता। पिता, सगे भाई, बेटे और पौत्र या नवासे किसी महिला के मेहरम हो सकते हैं। सिटी की कुछ महिलाओं ने इस पर मिली जुली प्रतिक्रया दी है।

 

कोट

झारखंड के म्0 लाख मुसलमानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है मौजूदा प्रस्ताव। अभी तक रांची से लोग सीधे हज के लिए सऊदी अरब जाते थे। अब उन्हें दूसरे राज्य का मुंह देखना होगा.

लमगीर आलम

 

यह फैसला झारखंड के लोगों के लिए बेहद गंभीर है। इससे हज यात्रियों को केवल परेशान किया जाएगा। इस प्रस्ताव का विरोध किया जाएगा। सीएम से लेकर पीएम तक से मांग की जाएगी.

खुशीर्द हसन रूमी

 

इम्बार्केशन प्वाइंट ख्क् से घटाकर 9 करने के पीछे का मकसद समझ से परे है। सरकार लोगों को सहूलियत देने के लिए फैसले के लिए है या फिर लोगों को परेशान करने के लिए? इसका विरोध होना चाहिए.

 

मो फैयाज

 

बिना मेहरम के हज पर जाने का फैसलाच्अच्छा है। साउदी अरब की सुरक्षा व्यवस्था बहुतच्अच्छी है इसलिए महिलाओं को अकेले हज पर जाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

राफिया नाज

 

महिलाओं और पुरुषों को एक समान अधिकार है। जैसे एक मर्द अकेले हज कर सकता है, वैसे ही एक महिला भी अकेले हज कर सकती है। हालांकि, सुरक्षा की दृष्टि से किसी का साथ जाना बेहतर है।

नाजिया अब्बास