RANCHI: कांटाटोली फ्लाइओवर पर रैयत और जिला प्रशासन आमने-सामने हैं। रैयतों का कहना है कि यदि सरकार जबर्दस्ती जमीन का अधिग्रहण करती है तो वे सामूहिक आत्मदाह करेंगे। वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि फ्लाइओवर आम जनता के हित में है और लैंड एक्वीजिशन एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है। जमीन अधिग्रहण से केवल व्यवसाय प्रभावित होगा, इससे कोई विस्थापित नहीं होगा। इसलिए जमीन का अधिग्रहण हर हाल में होगा।

70 रैयत कर रहे विरोध

कांटाटोली फ्लाइओवर के लिए होनेवाले जमीन अधिग्रहण का 70 रैयत और क्भ्0 दुकानदार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जमीन लिये जाने से उनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित होगा। उनकी रोजी-रोटी चौपट हो जाएगी। कांटाटोली रैयत और व्यवसायी एकता संघर्ष समिति के ट्रेजरर विजय खन्ना ने बताया कि जमीन लिये जाने से उनका व्यवसाय चौपट हो जाएगा। सरकार जो मुआवजा देगी वह सरकारी दर पर देगी जबकि हमने मार्केट रेट पर जमीन ली है। वहीं संयुक्त सचिव मोहम्मद आसिफ अली ने बताया कि सरकार बिना सोशल इंपैक्ट सर्वे के ही रैयतों से जमीन छीनना चाहती है। कांटाटोली चौक पर रोड 80 फीट है। उसमें दोनों ओर बस और टेंपो के अतिक्रमण से सड़क संकरी हो जाती है। इस समस्या को दूर न करके प्रशासन हमारी जमीन फ्लाइओवर के नाम पर छीनना चाहता है। अगर प्रशासन ने जबर्दस्ती की तो सभी रैयत सामूहिक आत्मदाह करेंगे।

जनहित में बनना है फ्लाइओवर

इस मामले में अपर समाहर्ता रांची अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि कांटाटोली फ्लाइओवर जनहित में बनाया जाना है। इसके लिए लैंड एक्वीजिशन एक्ट के तहत जमीन ली जाएगी। इससे कोई विस्थापित नहीं होगा केवल व्यवसाय प्रभावित होगा। तो इसके लिए प्रशासन उन्हें पर्याप्त मुआवजा देने को तैयार है। यदि सरकारी रेट आठ लाख रुपए डिसमिल होगी, तो हम क्म् लाख रुपए डिसमिल मुआवजा देंगे। स्ट्रक्चर का अलग से पैसा मिलेगा तो किसी को क्या दिक्कत है। यूं भी कांटाटोली फ्लाइओवर हर हाल में बनेगा। इसका सोशल इंपैक्ट सर्वे भी किया जा चुका है।

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फैक्ट फाइल

- कांटाटोली फ्लाइओवर का डीपीआर मेकॉन ने तैयार किया है

- फ्लाइओवर की लंबाई क्.ख्भ् किलोमीटर और चौड़ाई करीब 80 फीट होगी

- इसके लिए रैंप कांटाटोली और कोकर चौक के बीच स्थित मंगल टावर से शुरू होगा और खादगढ़ा बस स्टैंड के गेट के पास खत्म होगा

- जमीन अधिग्रहण से 70 रैयत और क्भ्0 दुकानदार प्रभावित होंगे।