- किराना दुकानों में बिकने वाले जींस उत्पादों पर 2.5 परसेंट मंडी शुल्क लगाने की तैयारी

-तेल-मसाला समेत ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 40 रुपए तक का होगा इजाफा

- शुल्क के विरोध में दो हजार दुकानदारों ने ठप रखा कामकाज

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KANPUR : तेल मसाला और ड्राई फ्रूट्स जैसे दो दर्जन से ज्यादा जींस उत्पादों पर प्रस्तावित मंडी शुल्क के विरोध में किराना कारोबारियों ने शनिवार को अपना धंधा ठप रखा। कानपुर किराना मर्चेन्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंडी शुल्क न बढ़ाए जाने के संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। कारोबारियों का कहना है मंडी शुल्क लगाने से महंगाई का बोझ और बढ़ जाएगा जिससे आम परिवारों के घरों का बजट भी गड़बड़ा सकता है।

2.5 परसेंट मंडी शुल्क

कैबिनट के अप्रूवल के बाद किराना दुकानों में बिकने वाले दो दर्जन से ज्यादा जींस उत्पादों पर 2.5 परसेंट मंडी शुल्क लगाने की तैयारी है। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद इसका अध्यादेश भी लागू हो जाएगा। कानपुर किराना मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश बाजपेई के अनुसार मंडी शुल्क यूपी की उत्पादित वस्तुओं पर लगाया जाता है। मगर, सरकार यह शुल्क यूपी से बाहर पैदा होने वाले प्रोडक्ट्स पर भी लगाने की तैयारी कर रही है। जोकि सरासर गलत है। अगर यह शुल्क लागू हुआ तो व्यापारी को एक ही उत्पाद पर दो बार टैक्स अदा करना पड़ेगा।

30-40 रुपए बढ़ जाएंगे रेट

मंडी शुल्क लगने के बाद जींस उत्पादों की कीमतें करीब 30-40 रुपए तक बढ़ जाएंगी। इनमें ज्वार, काजू, बादाम, किशमिश, काली मिर्च, छुआरा, राजमा आदि उत्पाद प्रमुख रूप से शामिल हैं। किराना व्यापारियों का कहना है कि 'मंडी शुल्क' की व्यवस्था ग्राहक का बजट बिगाड़ कर रख देगी। शुल्क लागू होने के बाद 800 रुपए किलो में बिकने वाला काजू 850 रुपए में बिकेगा। यह सारी कवायद व्यापारी से घुमाफिराकर टैक्स वसूलने की है, जिसका प्रत्यक्ष भार शहरवासियों पर पड़ेगा।

पूरे यूपी में सप्लाई

कानपुर की किराना मर्चेट्स एसोसिएशन से करीब 2 हजार व्यापारी संबद्ध हैं। यहां की बाजार से पूरे उत्तर प्रदेश में जीन्स उत्पादों की सप्लाई होती है। सबसे ज्यादा बिक्री तेल-मसाला व ड्राई फ्रूट्स है। शनिवार को विरोध स्वरूप व्यापारियों ने कामकाज ठप रखा। इस दौरान दुकानें तो खोली गई, लेकिन किसी भी सामान की बिक्री नहीं की गई। उधर, एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को लखनऊ जाकर राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा, जिसमें जिसमें मंडी शुल्क लागू नहीं करने की अपील की गई है। राज्यपाल ने व्यापारियों को मदद का आश्वासन दिया है।