गाली गलौज और मारपीट का आरोप

(राजकीय संप्रेक्षण गृह) राजघाट थाना क्षेत्र के शेखपुर में स्थित है। यहां छोटे और गंभीर अपराध में लिप्त करीब 125 किशोर बंद हैं। बाल गृह में सैटर्डे नाइट से ही विरोध की चिंगारी भड़कने लगी थी। बाल बंदी सैटर्डे नाइट से भूख हड़ताल पर चले गए। संडे मार्निंग बाल बंदियों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि बंदी गृह में बालिग बंदी है जो उनके साथ गाली गलौज और मारपीट करते हैं।

मॉनीटर का किया विरोध

राजकीय बाल गृह में महराजगंज के डिजही हत्या कांड का आरोपी अमीद उल्ला अंसारी बंद है। प्रदर्शनकारी बाल बंदियों का आरोप है कि अमीद की उम्र ज्यादा और वह बालिग है। बाल गृह इंचार्ज ने अमीद को बंदियों की मॉनीटरिंग के लिए मॉनीटर बना दिया। जबकि आरोप है कि अमीद रात में शराब पीकर बंदियों के साथ गाली गलौज और मारपीट करता है। कुछ दिन पहले भी बबलू नाम का बंदी मेडिकल चेकअप के दौरान भागा था। उसके भागने का कारण भी बंदियों ने अमीद को बताया।

बंदी गृह में भी वर्चस्व की लड़ाई

बंदियों का आरोप है कि अमीद बालिग होने के बाद भी बाल बंदी गृह में रह रहा है। जबकि उसे डिस्ट्रिक्ट जेल में भेजा जाना चाहिए। वहीं बाल गृह के इंचार्ज कृष्ण मुरारी मिश्रा का कहना है कि बाल गृह में बंदियों के दो गुट हैं और उनकी बीच वर्चस्व की जंग चलती है। प्रदर्शन के पीछे दोनों गुट के बीच दबदबे का विवाद है।

बंदियों के प्रदर्शन और आरोप के आधार पर मॉनीटर को हटा दिया गया। जहां तक मारपीट और गाली गलौज का आरोप है वो बंदियों के बीच आपसी विवाद का कारण है।

कृष्ण मुरारी मिश्रा, अधीक्षक राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर)