-नर्स ने लगाया डॉक्टर्स पर अभद्रता का आरोप

-डॉक्टर्स ने कहा, ड्यूटी में है लापरवाही

- अधिकारियों के आश्वासन के बाद कर्मचारी काम पर लौटे

LUCKNOW: डॉ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में सोमवार को नर्स और रेजीडेंट डॉक्टर्स के बीच झगड़े का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ा। वार्ड में दोनों के बीच हुई कहा सुनी के बाद पैरामेडिकल स्टाफ ने काम काज ठप कर दिया। जिसके कारण कई मरीजों के ऑपरेशन भी नहीं हो सके। हड़ताल सुबह आठ से 12 बजे तक जारी रही। उसके बाद अधिकारियों के आश्वासन के बाद ही कर्मचारी काम पर लौटे।

रिपोर्ट मेनटेन करने को लेकर झगड़ा

गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में शनिवार शाम लगभग साढ़े चार बजे एक मरीज की रिपोर्ट मेनटेन करने को लेकर सीनियर रेजीडेंट डॉ। रविगुप्ता व नर्स गीता वर्मा में कहासुनी हो गई। गीता ने आरोप लगाया कि वह दूसरे मरीज को देख रही थी इसलिए चार्ट मेनटेन नहीं कर सकी। यह देख डॉ। रवि भड़क गए। गीता ने आरोप लगाया कि मामले की शिकायत शनिवार को संस्थान प्रशासन से की लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया।

कर्मचारियों ने किया घेराव

सोमवार को नर्सेज संघ के अध्यक्ष अमित शर्मा, उपाध्यक्ष प्रियांशु व सचिव धर्मेद्र कुमार सोनी ने मामले दो दिन बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर सुबह आठ बजे से ही कार्य बहिष्कार कर दिया। जिसके बाद नर्सेज, लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन सहित अन्य पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल पर चले गए। इसके बाद कर्मचारी डायरेक्टर के कमरे में जाकर कार्रवाई की मांग करने लगे।

टले ऑपरेशन, मरीज परेशान

पैरामेडिकल स्टाफ के कार्य ठप करने के कारण ओटी कार्य ठप हो गया। डॉक्टर ओटी में थे लेकिन नर्स और अन्य कर्मचारियों के न होने के कारण आपरेशन नहीं हो सके। इस दौरान प्री ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती मरीजों को काफी दिक्कते हुई। मरीज भूखे प्यासे लेटे रहे और बाद में कई को बताया गया कि आज ऑपरेशन न हो सकेगा। सूत्रों के अनुसार यूरो सर्जरी के आठ, न्यूरोसर्जरी के तीन, आंकोलॉजी के चार, गैस्ट्रोसर्जरी में एक व कार्डियोलॉजी को मिलाकर 16 ऑपरेशन होने थे। लेकिन देर शाम तक आधे ऑपरेशन ही किए गए। उधर वार्डो में भी मरीज परेशान रहे। आठ से 12 बजे तक नर्सो के गायब रहने के कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

जांच भी प्रभावित

पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी के टेक्नीशियन भी नर्स के समर्थन में आने से एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई जांचे भी प्रभावित हुई। यही नहीं सकैंर के मरीजों की कीमो व रेडियो थेरेपी के लिए भी 12 बजे तक इंतजार करना पड़ा।