-नौकरी की मांग को लेकर पहुंचे अभ्यर्थियों का बवाल, आगजनी

-पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां, भगदड़ में महिलाओं समेत कई घायल

- एडीएम ईस्ट, एसपी सिटी समेत 16 पुलिसकर्मी भी जख्मी

- एक सरकारी कार और पुलिस जीप को किया आग के हवाले

LUCKNOW: नौकरी की मांग को लेकर विधानभवन के सामने हजारों की संख्या में जुटे बीपीएड डिग्री धारकों और पुलिस के बीच ट्यूजडे को जमकर गुरिल्ला युद्ध हुआ। पुलिस की लाठीचार्ज से शुरू हुआ युद्ध कई राउंड तक चलता रहा। इसमें एकतरफ पुलिस ने पानी की बौछारों के साथ आंसू गैस के गोले छोड़े तो उग्र प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की। इस दौरान कई सरकारी गाडि़यों को आग के हवाले कर दिया गया, यही नहीं पुलिस और प्रशासन के कई अफसर भी घायल हो गए। उधर, पुलिसिया लाठीचार्ज की दर्जनों महिला प्रदर्शकारी भी शिकार हुई। बवाल थमने के बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों से खोजकर प्रदर्शकारियों को गिरफ्तार किया। बवाल के आरोप में 102 लोगों को पुलिस ने अंदर किया तो तीन हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने

माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति की मांग लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों बीपीएड अभ्यर्थी विधानभवन के सामने एकजुट हुए। प्रदर्शनकारियों ने बापू भवन चौराहे से कैपिटल तक आधी सड़क पर कब्जा कर लिया। धीरे-धीरे अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने लगी और विधानभवन का घेराव करने का प्रयास करने लगे। प्रदर्शनकारी विधान भवन के गेट नंबर तीन की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो बीपीएड अभ्यर्थियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर सड़क जाम करने का प्रयास किया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने वाटर केनन से प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की। प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर आंसू गैस के कई गोले दागे। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर भाजपा मुख्यालय के सामने सरकारी एम्बेसडर कार और बापू भवन के बाहर सड़क पर खड़ी पुलिस की जीप को आग के हवाले कर दिया। आधा दर्जन बाइक में भी आग लगा दी और पुलिस बस समेत वहां से गुजरने वाले वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया। प्रदर्शन में एसपी पूर्वी, एडीएम ईस्ट, सीओ कैंट समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

दुकानें बंद, राहगीर भागे

उपद्रव से इलाके में अफरा-तफरी मच गयी। आसपास की दुकान बंद हो गयी और राहगीर जान बचाकर भागने लगे। उपद्रव को देखते हुए विधानभवन के सामने के ट्रैफिक को भी डायवर्ट कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने दो दर्जन उपद्रवियों को मौके से पकड़ लिया। सूचना मिलते ही मौके पर आईजी जोन लखनऊ जकी अहमद, डीआईजी रेंज देवेन्द्र कुमार चौधरी, एसएसपी राजेश पांडेय और डीएम राजशेखर भी पहुंच गये।

धारा 144 लागू होने के बाद भी प्रदर्शन

गत दिनों कांग्रेस के प्रदर्शन से सबक लेने के बाद सिटी में धारा 144 लागू कर दी गई थी। इसके बावजूद टुकड़ों में सिटी पहुंचे प्रदर्शनकारी 11 बजे तक धीरे-धीरे विधानभवन पहुंचे। प्रदर्शनकरियों की संख्या का प्रशासन और पुलिस भी आंकलन नहीं कर सकी। ऐहतियात के तौर पर डीएम ईस्ट निधि श्रीवास्तव, एसपी सिटी राजीव मेहरोत्रा के नेतृत्व में पुलिस फोर्स मौजूद रही। हालांकि जितनी संख्या में प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी पहुंचने थे उनके अनुसार पुलिस की संख्या बहुत कम थी।

देर से पहुंचे आला अफसर

दोपहर साढ़े बारह बजे प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह से उग्र रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के विरोध करने पर पथराव और आगजनी शुरू दी। इसमें एडीएम ईस्ट निधि श्रीवास्तव, एसपी सिटी राजीव मेहरोत्रा, सीओ कैंट हरेन्द्र कुमार समेत कुल 16 अफसर और पुलिसकर्मी पथराव में गंभीर रूप से घायल हो गए। अफसर और पुलिस कर्मियों के घायल होने की सूचना के एक घंटे के बाद आईजी, डीआईजी, एसएसपी और डीएम मौके पर पहुंचे।

भगदड़ में कई महिला अभ्यर्थी दबकर घायल

प्रदर्शनकारियों को विधान भवन की तरफ आने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चलाई, जिसमें भगदड़ मच गई। प्रदर्शनकारियों में पुरुष के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी भी थी। भगदड़ के दौरान कई महिला अभ्यर्थी रोड पर गिर गई। प्रदर्शनकारियों की भीड़ उन्हें रौंदते हुए आगे बढ़ गई। भीड़ में दबने से कई महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई। उन्हें पुलिस ने जैसे-तैसे निकालकर इलाज के लिए झलकारी बाई हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लाठीचार्ज के चलते कई पुरुष अभ्यर्थी भी बुरी तरह चोटिल हो गए।

प्रदर्शन को मिली 'बाहरी हवा'

बीपीएड अभ्यथियों के प्रदर्शन के उग्र होने की वजह यह भी थी कि प्रदर्शन में शामिल कई ऐसे लोग भी थे, जिन्हें बीपीएड अभ्यथियों से कोई लेना-देना नहीं था। या फिर कुछ ऐसे लोग थे जो कई अन्य शहरों से आए अभ्यथियों के साथी थे। इनमें से हरदोई से आए एक युवक को पुलिस ने अरेस्ट भी किया है। इसके अलावा पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों का भी इसमें हाथ बताया जा रहा है। हंगामे के बाद विधानभवन के सामने बन रही सचिवालय की निर्माणाधीन बिल्डिंग में भी प्रदर्शनकारियों ने शरण ली। बाद में पुलिस ने वहां से तीन युवकों को अरेस्ट किया।

नौकरी का सवाल

बीपीएड की डिग्री ले चुके हजारों लोगों को यूपी में नौकरी का इंतजार है। बीपीएड टीचर के लिए राज्य में 46 हजार वैकेंसी हैं। इस पर करीब 1800 करोड़ रुपए सालाना खर्च आएगा। प्रशिक्षित बीपीएड संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र यादव ने बताया कि प्रदेश में करीब 85 हजार बीपीएड डिग्री धारक हैं। कई बार प्रदेश सरकार से झूठे आश्वासन दिये गये, लेकिन आज तक नियुक्ति नहीं मिली। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

हंगामे में 102 प्रदर्शनकारी अरेस्ट

डीएम ने बताया कि 102 लोगों को अरेस्ट किया गया है। उनके खिलाफ हजरतगंज इंस्पेक्टर विजयमल यादव की तहरीर पर थाने में धारा 143,147, 332, 353, 351, 307, 427, 436 आईपीसी और 3/4 डैमेज पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के साथ-साथ सेवन सीएलए एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा तीन हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि उपद्रव के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने ट्रैफिक डायवर्जन करके पब्लिक को सेफली निकाला। हंगामे में घायल प्रदर्शनकारियों का भी इलाज कराया जा रहा है।

उपद्रव का असर

- 1 सरकारी एम्बेसडर कार फूंकी

- 1 सरकारी पुलिस जीप फूंकी

- 2 पुलिस बस में तोड़फोड़

- 5 मोटरसाइकिल तोड़ी

-16 पुलिस कर्मी और अफसर जख्मी

90 मिनट तक चला बवाल

-102 प्रदर्शनकारी पुलिस गिरफ्त में

-3000 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा