-कांग्रेस में टिकट के लिए दावेदारी करने वालों का होने लगा लिटमस टेस्ट

-विधानसभा के बूथवार भेजे गए मेंबर्स के मोबाइल पर पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का आने लगा फोन

-ले रहे कैंडीडेट के बारे में डिटेल जानकारी ताकि सच आ सके सामने

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हैलोहैलो मैं कांग्रेस मुख्यालय से पीके बोल रहा हूं। आपका क्या नाम है, किस विधानसभा के निवासी हैं, आप फला नेता को जानते हैं। यह सवाल किसी और का नहीं बल्कि फेमस चुनाव रणनीतिकार पीके यानि प्रशांत किशोर द्वारा लोगों से पूछा जा रहा है। दरअसल विधानसभा 2017 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी का कैंडीडेट बनने के लिए विधानसभावार आवेदन जमा कराए गए हैं। जिन लोगों ने दावेदारी के लिए आवेदन किया है, उनसे बूथ कमेटी के मेंबर्स का नाम सहित कांटैक्ट नंबर भी मांगे गए थे। जिसके बाद कैंडीडेट द्वारा दिए गए बूथ कमेटी के मेंबर्स को कांग्रेस मुख्यालय से यह फोन आ रहे हैं। ताकि उनको क्रॉस चेक किया जा सके। कहीं वो फर्जी तो नहीं हैं।

सीधे कर रहे बात

पार्टी की ओर से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने के लिए पीके को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। प्रशांत किशोर सीधे भावी कैंडीडेट द्वारा उपलब्ध कराए गए बूथ कमेटी के मेंबर्स के नंबर्स पर फोन कर बात कर रहे हैं। उनसे संबंधित विधानसभा की जानकारी के साथ ही कैंडीडेट के बारे में भी पूछा जा रहा है। ताकि सच सामने आ सके। कहीं कैंडीडेट ने गलत नंबर तो नहीं दे दिया है। एक एक ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए लगभग सभी कैंडीडेट ने 20 जून तक ई मेल के थ्रू डिटेल लखनऊ मुख्यालय को भेज दिया है। इसमें दावेदार के डिटेल के साथ ही उसके विजन को भी महसूस करने की कोशिश की गई है। जीत के आधार के सवालों के साथ ही यह भी पूछा गया है कि क्षेत्र में विकास को लेकर दावेदारों की क्या सोच है। इतना ही नहीं उनकी अपने क्षेत्र की जनता में कितनी पकड़ है। आदि की जानकारी के लिए विस क्षेत्र के प्रत्येक बूथ से एक यूथ का नाम व कांटैक्ट नंबर भी फॉर्म के साथ जमा कराया गया था।

तो दावेदारी होगी कैंसिल

यह पहला मौका नहीं है जब दावेदारी करने वालों से संबंधित विधानसभा के बूथ पर यूथ की लिस्ट ली गयी हो। लेकिन उसमें सच्चाई का दूर दूर का नाता नहीं होता था। अपने सगे संबंधियों सहित दूसरे विधानसभा के निवासियों का नाम व कांटैक्ट नंबर पकड़ा दिया जाता था। पर इस बार नजारा कुछ अलग है। लगातार पिछड़ रही कांग्रेस ने आगामी विधानसभा में पूरी तैयारी के साथ उतरने का मन बनाया है। भला इसमें कैंडीडेट कैसे अछूता रह सकता है। यही वजह है कि शुरुआत दावेदारों से ही हुई है। इसमें अगर कैंडीडेट की ओर से अपने बारे में उपलब्ध कराई गई डिटेल यदि गलत पाई गई उसकी दावेदारी कैंसिल भी की जा सकती है।

जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी की है वे बूथ लेवल पर कितने मजबूत हैं ये जांचा जा रहा है। निर्मल खत्री, अध्यक्ष

प्रदेश कांग्रेस कमेटी