हीरे-मोती तुमने छुपाये, कुछ हम लोग न बोले

अब आटा-चावल भी छुपा तो, भूखों ने मुंह खोले

अरे भीख ना मांगे, अरे कजऱ् ना मांगे

ये अपना हक़ मांगती है, ये जो पब्लिक है।

AGRA (22 Jan.): 'ऐ बाबू ये पब्लिक है.' 1974 में रोटी फिल्म का इस गाने पर जब राजेश खन्ना ने अपनी अदाकारी के जलवे दिखाए तो वास्तविक तौर पर उन्हें पब्लिक के दर्द को छूने की कोशिश की थी। आज जब इलेक्शन नजदीक हैं, तो वही पब्लिक अब ये गाना गुनगुनाती हुई दिख रही है। तभी तो वह सवाल पूछ रही है कि 'बताईए नेताजी आपका विकास का एजेंडा क्या है?' पब्लिक की इसी नब्ज को टटोलती ये खबर आई नेक्स्ट ने आज रखी है।

प्रत्याशी जोश में, जनता होश में

आगामी विधानसभा चुनाव को देख जहां प्रत्याशी खासा जोश में हैं, वहीं जनता की भी नजर उनके एजेंडे पर है। वह मनमाफिक प्रत्याशी को वोट करके विजयी तो बनाएंगे, मतदाता के प्रति उनकी कितनी जवाबदेही है, ये सवाल पब्लिक अपने में दबाकर बैठी हुई है। उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार बेशक अभी शवाब पर नहीं पहुंचा है, लेकिन पब्लिक ये सवाल दागने के लिए कमर कसकर तैयार हो चुकी है।

एजेंडा किया जाए सार्वजनिक

हर बार चुनाव में प्रत्याशी सिर्फ जनता को अपनी लच्छेदार भाषा से लुभाते हैं, लेकिन जीतने के बाद फिर जनता के बीच से गायब हो जाते हैं। और क्षेत्र की समस्याएं जस की तस पड़ी रहती हैं। जनता खुद को ठगा सा महसूस करती है। इंद्रपुरी निवासी अनुपम शर्मा कहती हैं कि चुनाव में वोट मांगने से पूर्व प्रत्याशियों को अपना एजेंडा बताना होगा, इससे समय आने पर उनसे बात की जा सके।

चुनाव से पहले सभी प्रत्याशी विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ जनता को लुभाने का कार्य कर रहे हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनकी मंशा सार्वजनिक नहीं होने पर जनता असमंजस में हैं। स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

नरेश पारस, समाजसेवी

किसी भी चुनाव से पहले प्रत्याशियों के जनता के समक्ष अपने एजेंडा को सार्वजनिक करना चाहिए, इससे काफी हदतक समस्याओं का समाधान हो सकता है।

डॉ। मुकेश शर्मा

चुनाव में अधिकतर प्रत्याशी अपने वादे पूरे नहीं करते, इससे प्रत्याशियों को मनमानी करते हैं। एजेंडा सार्वजनिक होने से प्रत्याशियों पर विकास का दबाव बना रहता है।

अंजुल शर्मा, शिक्षिका

आजादी के 70 वर्षों बाद प्रत्याशी नाली, सड़क निर्माण पर राजनीति कर रहे हैं, जहां आम जनता के लिए शौचालय नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रत्याशी को अपना एजेंडा सार्वजनिक करना होगा।

रीनू वर्मा, शिक्षिका