- चार बार से नगर विधायक डॉ। आरएमडी अग्रवाल के मोहल्ले में मुश्किलों का जाल

लोगो: माननीय का मोहल्ला

GORAKHPUR: जनता की मुश्किलें दूर करने के लिए जनप्रतिनिधि चुने जाते हैं। जनप्रतिनिधि से जनता को आस होती है कि वह उनकी समस्या हल करवा देगा। और अगर आप जनप्रतिनिधि के ही मोहल्ले में रहते हैं तो उम्मीदें कई गुना बढ़ जाती हैं। गोरखपुर के जनप्रतिनिधि इस पैमाने पर कितने खरे उतरते हैं, यही जानने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम पहुंच रही है माननीयों के मोहल्ले में कि वहां पर बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर कितना डेवलप किया गया है। 'माननीय का मोहल्ला' सिरीज के पहले अंक में आइए चलते हैं नगर विधायक डॉ। राधामोहन दास अग्रवाल के मोहल्ले में और जानते हैं कैसा है उनके मोहल्ले का हाल

हल नहीं हुई जलजमाव की मुश्किल

चौथी बार नगर विधायक चुने गए डॉ। राधामोहन दास अग्रवाल शहर के दाउदपुर मोहल्ले में रहते हैं। विधायक के तौर पर यह उनका चौथा टर्म है लेकिन आज भी यहां जलजमाव की समस्या जस की तस है। बारिश होते ही दाउदपुर चौराहा से गोपलापुर चौराहा तक आने वाले रास्ते पर दो से तीन फीट तक पानी जमा हो जाता है। यहां कुल करीब 50 मकान होंगे जो बरसात के बाद मुसीबत में घिर जाते हैं।

सफाई दिखी, पर कूड़ा नहीं उठा

दाउदपुर चौराहा से इंदिरा ढाला तक लगभग 700 मीटर लंबे रास्ते में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम को तीन जगह पर दिन में 12.30 बजे कूड़ा दिखा। वहीं विधायक जी के मोहल्ले में ही आने वाले नहर रोड के नाले की सफाई कब हुई है पता ही नहीं है। यहां के निवासी राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मई माह में नाले की सफाई हुई थी, उसके बाद से सफाई नहीं हुई है।

आवारा जानवर भी दिखे

इस एरिया में भी आवारा जानवर की समस्या खूब देखने को मिली। विधायक के घर से दो-तीन मीटर दूर हाइवे पर दिन हो या रात आवारा जानवर घूमते हुए मिल जाते हैं। इस वजह से कई बार जाम की स्थिति भी हो जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं मोहल्ले में एकत्रित कूड़ा फैलाकर यह जानवर गंदगी भी फैला देते हैं।

बिजली का यहां भी वही हाल

अगर आप नगर विधायक के मोहल्ले में जाएं और सोचें कि यहां तो बिजली कटती नहीं होगी तो यह आपकी भूल होगी। जीहां, बिजली कटौती यहां भी उसी तरह से होती है, जिस तरह से पूरे शहर में होती है। यहां तक कि मोहल्ले में लगे ट्रांसफार्मर और बिजली के तारों की सुरक्षा के भी पूर्ण इंतजाम नहीं किए गए हैं।

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इन नजारों ने किया हैरान

-विधायक आवास से सिर्फ 100 कदम की दूरी पर यह है गली की हालत।

-विधायक आवास से 100 से 200 मीटर के दायरे में कूड़ा गिराया जाता है, लेकिन आज तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

-बारिश का सीजन है तो विधायक की गली में धूप में भी पंपिंग सेट लगा दिखा, ताकि जैसे ही पानी लगे बाहर निकाला जा सके। बाकी मोहल्ले की किसी अन्य गली में यह व्यवस्था देखने को नहीं मिली।

बॉक्स

और विधायक जी ने सबकुछ नगर निगम पर थोप दिया

नगर विधायक डॉ। राधामोहनदास अग्रवाल से सवाल-जवाब

सवाल- आपके मोहल्ले में कूड़ा निस्तारण नहीं हो रहा है?

जवाब - ऐसी शिकायत लगातार मिलती है और नगर निगम को जानकारी दी जाती है। नगर निगम की लापरवाही के कारण यह सब होता है।

सवाल- आपके घर से 100 मीटर दूर हाइवे किनारे नगर निगम के ट्रॉली से कूड़ा गिराया जा रहा है?

जवाब- नगर निगम को इस मामले की जानकारी कई बार दी गई है। नगर निगम को ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

सवाल- आपके घर से कुछ दूर पर जल-जमाव की प्रॉब्लम बहुत बड़ी है।

जवाब- यहां जल निकासी को लेकर कई बार सोचा गया। लेकिन वहां के पानी निकलने का कोई रास्ता ही नहीं मिल पा रहा है। यहां के जल निकासी के लिए एक अलग से रणनीति बनाई जा रही है। एक नया रास्ता हाइवे के पास खोजा जा रहा है। नगर आयुक्त को इसके लिए बोल दिया है।

सवाल- बिजली व्यवस्था को लेकर प्रॉब्लम है?

जवाब - बिजली व्यवस्था में सुधार हुआ है, पहले से कुछ बेहतर है, लाइन लॉस कम होने पर बिजली पर्याप्त मिलेगी।

कॉलिंग

दाउदपुर से गोपलापुर वाले रास्ते को आज तक विधायक जी जलजमाव मुक्त नहीं कर सके। कहने को तो यह विधायक का मोहल्ला है लेकिन संकट यह है कि कोई यहां की समस्या को जानने के लिए आता ही नहीं है।

-अभिषेक चौहान, दुकानदार

कभी लगा ही नहीं कि विधायक के मोहल्ले में हैं। यहां की समस्या जल निकासी की है, पिछले कई साल से यूं ही बनी हुई है। बारिश के बाद हालत यह हो जाती है कि हम लोग अपने बच्चों का जूता हाथ में लेकर चौराहा तक जाते हैं और वहां पहनाकर स्कूल भेजते हैं।

-विनय शुक्ला, सर्विसमैन

विधायक जी के घर से 30 से 40 मीटर दूर मेरी गली है। इस गली का निर्माण 2005 में हुआ था। उसके बाद इस एरिया की सभी गलियों का निर्माण होने से ऊंची हो गई हैं। हम पति-पत्नी 80 साल पार कर गए हैं। हालत यह है कि बारिश के समय हम बीमार हो जाएं तो एंबुलेंस तक घर तक नहीं आ पाएगी।

अनन्पूर्णा सिंह, सीनियर सिटीजन

मोहल्ले में सफाई की व्यवस्था तो सही है, लेकिन कूड़ा निस्तारण होता ही नहीं है। इसके चलते कई जगहों पर रास्तों पर चलना मुश्किल हो जाता है। हाइवे के किनारे ही कूड़ा कई बार गिराकर फरार हो जाते हैं, जिससे उठने वाले बदबू सभी को परेशानी करती है।

अखिलेश्वर त्रिपाठी, प्रोफेशनल