- सिविल लाइंस स्थित हेड पोस्ट ऑफिस में उपभोक्ताओं ने किया जमकर हंगामा

- करेंसी एक्सचेंज पर मिले दस के कटे-फटे नोट बदलने की लोग कर रहे थे मांग

GORAKHPUR: पुराने नोट लेकर आए उपभोक्ताओं ने बुधवार को सिविल लाइंस स्थित हेड पोस्ट ऑफिस में जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे लोगों की शिकायत थी कि उनके एक्सचेंज किए गए नोटों के बदले उन्हें दस के कटे, फटे नोट दे दिए गए हैं। पोस्ट मास्टर ने उपभोक्ताओं को यह कहकर समझाया कि जो भी नोट मिले हैं, वे सभी एसबीआई मेन ब्रांच की चेस्ट से आए हैं। जिसके लिए वह पहले ही शिकायत दर्ज करा चुके हैं।

8 तारीख से है दिक्कत

बता दें, नोट बंदी के बाद से ही शहर के हेड पोस्ट ऑफिस से लेकर सभी बैंकों में भी रुपए एक्सचेंज कराने को लेकर हंगामा जारी है। वहीं, पोस्ट ऑफिस के सीनियर अधिकारियों की शिकायत रही है कि आठ नवंबर से ही बैंक रोड स्थित एसबीआई मेन ब्रांच उनका सहयोग नहीं कर रही है। काफी जद्दोजहद के बाद वहां से पैसे आ रहे हैं। जो करेंसी भेजी भी रही है, उसमें भी सभी नोट सड़े गले और दस-दस की गड्डियां हैं। सीनियर पोस्ट मास्टर एलएन तिवारी ने बताया कि काफी जद्दोजहद के बाद 15 नवंबर को एसबीआई मेन ब्रांच के अधिकारियों ने उन्हें दो करोड़ रुपए दिए, वह भी दस-दस की गड्डि़यों वाले कटे-फटे और सड़े हुए नोट। जिसे ट्रक में भरकर किसी तरह पोस्ट ऑफिस तक लाया गया।

नोट देख पब्लिक भड़की

जब इन नोटों को डाकघर ने बुधवार को उपभोक्ताओं को एक्सचेंज के बदले देना शुरू किया तो हंगामा शुरू हो गया। जो भी उपभोक्ता दो-चार हजार रुपए एक्सचेंज कराने आए थे, उन सभी को कटे-फटे नोट दिए गए। लोग पोस्ट मास्टर के केबिन में जाकर फटे, कटे नोट बदलने की मांग करने लगे। जिस पर पोस्ट मास्टर ने बड़ी मुश्किल से लोगों को समझाकर शांत कराया।

एसबीआई कर रही सौतेला व्यवहार

पोस्ट मास्टर ने बताया कि एसबीआई से उन्होंने 50 लाख रुपए मांगे हैं, लेकिन रकम अब तक नहीं मिली है। अब ऐसे में अगर बाकी के उप डाकघरों मे रकम कहां से भेंजेगे और भीड़ कहां से कंट्रोल होगी। उन्होंने कहा कि एसबीआई मेन ब्रांच के उच्चाधिकारियों का कहना है कि जब हेड पोस्ट ऑफिस को आरबीआई से पैसे मांगने चाहिए।

कोट्स

मुझे 60,000 रुपए एक्सचेंज कराना था। लेकिन हेड पोस्ट ऑफिस ने मुझे दस-दस के पुराने कटे-फटे नोट दिए हैं। अब इन फटे नोट को मार्केट में कौन लेगा।

शैलेंद्र कुमार गुप्ता, उपभोक्ता

मुझे 4,000 रुपए के नोट एक्सचेंज कराने थे। हेड पोस्ट ऑफिस से जो नोट मिले वे सभी दस-दस के पुराने और फटे हुए नोट हैं। अब इन नोटों का मैं क्या करूं।

- ब्रह्मानंद, उपभोक्ता

वर्जन

एसबीआई हमारे साथ शुरू से ही सौतेला व्यवहार कर रही है। अगर यही हाल रहा तो हम पब्लिक को भला कैसे पैसे दे पाएंगे।

- संजय सिंह, पोस्ट मास्टर जनरल, गोरखपुर मंडल