AGRA : बुधवार को कलेक्ट्रेट में दिनभर हंगामा रहा। वन दरोगा की गोली लगने से गोविंद की मौत और संत रविदास नगर में जमीन खाली करने का मामला तूल पकड़ गया। गोविंद के परिजनों ने आर्थिक मुआवजे की मांग उठाई। घुमंतू लोगों ने धरना देकर कुछ दिन की मोहलत मांगी। डीएम दोनों ही मामले की अनसुनी करते हुए बैकडोर से निकल गए। लिहाजा प्रदर्शनकारियों ने डीएम की गाड़ी रोक ली। चार घंटे तक मचे हंगामा शांत करने को फोर्स बुलानी पड़ी।

आरोपियों को गिरफ्तार करो

कुशवाह महासभा के प्रेमचन्द कुशवाह के नेतृत्व में मृतक गोविन्द के परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी और पीडि़त परिजनों को आर्थिक मुआवजा देने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में दर्जनों लोगों के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने इस दौरान पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। काफी देर तक गोविंद के परिजनों के साथ हुई नाइंसाफी को बयां करते रहे।

न बॉडी मिली, न मुआवजा

लोगों का कहना था कि 19 अगस्त को वन दरोगा की गोली लगने से गोविन्द की मौत हो गई। इसमें आरोपियों के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। न ही शव बरामद हो सका है। अब मुआवजा के लिए भी कोई सुनवाई नहीं है।

डीएम ने की अनसुनी

डीएम ने इन लोगों की बात को अनदेखा करने की कोशिश की। यही नहीं वह अपने कार्यालय से उठकर पहले तो कोर्ट में चले गए और थोड़ी देर बाद वह कोर्ट के बैकडोर से निकल गए। इस बीच प्रदर्शनकारियों को डीएम के जाने का पता चला तो वह भड़क गए। उन्होंने कलेक्ट्रेट कैंपस में खड़ी गाड़ी को घेर लिया। चालक को गाड़ी नहीं ले जाने दी।

एडीएम ने मंगाया फोर्स

प्रदर्शनकारियों की भीड़ के बीच से गाड़ी निकालने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। डीएम ऑफिस पर हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों का गुस्सा शांत किया। फोर्स को देखकर लोग बैकफुट पर आए और डीएम की गाड़ी ले जाने दी।

संत रविदास नगर के लोगों ने भी मचाया हंगामा

इधर, संत रविदास नगर के लोगों ने लव पंडित के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। इस दौरान दर्जनों लोगों ने आवास की मांग को लेकर डीएम से मुलाकात करनी चाही, लेकिन डीएम के न मिलने पर लोग कलेक्ट्रेट प्रांगण में धरने पर बैठ गए। बाद में एडीएम सिटी ने उनका ज्ञापन लेकर शासन की योजना के अन्तर्गत मदद का भरोसा दिलाया।

आश्वासन पर भी नहीं माने

एडीएम सिटी के आश्वासन के बावजूद भी वे बाहर आकर नारेबाजी करने लगे। लोगों का कहना था कि जिन लोगों के पास रहने को कुछ भी नहीं है, प्रशासन कुछ दिन रहने की मोहलत प्रदान कर दे, उसके बाद मेला शुरू होते ही चले जाएंगे, उनका आरोप था कि रात में पुलिस ने उनके साथ मारपीट कर उन्हें भगा दिया। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि उक्त जमीन सेना की है। इसमें प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। बाद में सीओ कोतवाली मनीषा सिंह, महिला थाना का फोर्स नाई की मंडी का फोर्स पहुंचने पर ही हंगामा शांत हो सका।