- 2005 बैच के आईपीएस दीपक कुमार ने एसएसपी के पद पर ज्वाइन किया, FIR सेल का करेंगे गठन

lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: आईपीएस दीपक कुमार ने शुक्रवार को लखनऊ एसएसपी का पदभार ग्रहण कर लिया। एसएसपी ने मातहतों से मीटिंग के बाद राजधानी के अपने मास्टर प्लान पर चर्चा की। उन्होंने महिला सुरक्षा, कम्युनिटी पुलिसिंग, एंटी रोमियो समेत कई मसलों पर अपनी आगे की रणनीति तैयार की। अपराधियों से निपटने से लेकर सड़कों पर पुलिस को कैसे तैनात करना है इसपर विशेष फोकस रहेगा। इसके अलावा एफआईआर सेल का गठन भी करेंगे। किसी भी थानेदार ने आम लोगों के साथ गलत व्यवहार किया तो यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

पर पांच के पंच से जूझेंगे एसएसपी

नंबर वन- ट्रैफिक

प्राब्लम - शहर में 411 चौराहे है जबकि ट्रैफिक ड्यूटी केवल 110 चौराहे पर लगती है। केवल 70 चौराहे है जहां 285 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। हर रोज शहर में 20 लाख वाहन सड़क पर दौड़ते हैं। जबकि ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट में मात्र एक एसपी, 5 टीएसआई 18 टीआई और 7 सौ के करीब कांस्टेबल और होमगार्ड है।

Plan of SSP

रोड इंजीनियरिंग को तत्काल नहीं बदला जा सकता है और न ही शहर में चलने वाले वाहनों पर अंकुश लगाया जा सकता है। इसके लिए जिन एरिया में ट्रैफिक जाम की सबसे ज्यादा प्रॉब्लम है वहां लोकल लोगों से मिलकर उसका सॉल्यूशन निकाला जाएगा। स्थानीय लोग बेहतर बता सकते हैं। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए रोड पर अवैध अतिक्रमण और अवैध स्टैण्ड के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। जिन चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी नहीं होती है वहां स्वयं सेवी संगठन के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

बढ़ता क्राइम ग्राफ

लखनऊ एक साल में चेन, पर्स स्नेचिंग की 350 से ज्यादा वारदात हुईं जबकि चोरी के 6 सौ से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। वहीं डकैती के 67 और लूट की 210 वारदातें हुई। वहीं 47 हत्या और 168 हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। सिटी और रूरल एरिया में कई बड़ी वारदात हुई है। जिसका खुलासा भी एसएसपी के लिए बड़ा चैलेंज हैं।

Plan of SSP

क्राइम कंट्रोल के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर रहेगा। हर एरिया में 10 से 15 लोगों की टीम तैयार की जाएगी। इसमें ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, रिटायर्ड प्रिंसिपल समेत अन्य लोग होंगे जबकि अर्बन एरिया में भी टीम बनाई जाएगी। एसओ इस टीम से हर सप्ताह और सीओ 15 दिन में एक बार मीटिंग करेंगे। पुराने और हीनियस केस के लिए एसओजी को लगाया जाएगा जबकि छोटे अपराध चोरी, जमीनी विवाद, लूट, स्नेचिंग को कम्युनिटी पुलिसिंग की मदद से रोका जाएगा।

तीन- महिला सुरक्षा

महिलाओं से जुड़े अपराध में घरेलू हिंसा के साथ-साथ रेप और छेड़छाड़ की वारदात प्रमुख हैं। एक वर्ष में राजधानी में छेड़छाड़ के डेढ़ सौ से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं जबकि रेप के दो सौ केस दर्ज है। वहीं घरेलू हिंसा के सबसे ज्यादा 4 सौ से ज्यादा मामले दर्ज है। डोमेस्टिक वाइलेंस के करीब सात सौ मामले राजधानी में दर्ज किए गए हैं।

Plan of SSP

एसएसपी मानते हैं कि बहन बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसके लिए एक ऐसा माहौल बनाने की योजना है जिससे रात 12 बजे भी कोई बहन अपना सिर उठाकर चल सके और उसे कोई डर ना लगे बल्कि उसके अंदर सुरक्षा का एहसास हो। सिनेमाघर, स्कूल कॉलेज, पब्लिक प्लेस और मार्केट में एंटी रोमियो अभियान चलाया जाएगा लेकिन बेवजह लोगों को नहीं पकड़ा जाएगा। पहली बार पकड़े गए युवाओं की कॉउंसलिंग की जाएगी और उनके पैरेंट्स को बुलाकर जानकारी दी जाएगी। रोड पर पुलिसिंग को और बढ़ाया जाएगा ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सके और उन्हें सुरक्षा का माहौल दिया जाएगा।

चार- दागदार होती छवि

महानगर में बिजनेसमैन के परिवार की पिटाई का मामला हो या फिर गायत्री प्रकरण में विवेचकों की भूमिका का। हर बार खाकी दागदार हो रही है और उसकी छवि धूमिल हो रही है। वाहन चेकिंग के दौरान वसूली हो या महानगर में महिला दरोगा द्वारा एफआर लगाने में पीडि़ता से पैसों की डिमांड का मामला। डायल 100 के सर्वे रिपोर्ट में भी यह सच सामने आया है कि सूचना पर पहुंचने के बाद 4 प्रतिशत मामले में पुलिस ने पैसों की डिमांड की है।

Plan of SSP

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि आवाम का भरोसा जीतना ही सबसे बड़ी पुलिसिंग है। कानून व्यवस्था से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। क्योंकि यही सरकार की मंशा भी है। इसलिए कानून तोड़ने वाले को बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाएगा फिर चाहे वह पुलिस कर्मी क्यों न हो। पुलिस का इकबाल कायम रह सके इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। लोगों के अंदर ऐसी भावना जगानी है कि जो पुलिस का डर है वह दूर हो सके और उन्हें यह एहसास हो कि पुलिस उनके साथ है। कोई एसओ थाने में किसी भी व्यक्ति से बदसलूकी करता है तो उसे बक्शा नहीं जाएगा।

FIR न दर्ज करने की शिकायत

शहर में हर दिन चेन, पर्स और लूट की स्नेचिंग की वारदात होती है। ज्यादातर मामले में सीमा विवाद और छोटे अपराध के चलते थानेदार एफआईआर नहीं दर्ज करते है। रोड एक्सीडेंट, स्नेचिंग और छेड़छाड़ की घटनाओं में पुलिस एफआईआर दर्ज करने की जगह उनका प्रार्थना पत्र लेकर कार्रवाई नहीं करती है।

Plan of SSP

रोड पर होने वाले छोटे क्राइम और एफआईआर न दर्ज होने का सॉल्यूशन निकालते हुए एसएसपी ने कहा कि वह एफआईआर सेल का गठन करेंगे। इस सेल में कहीं पर भी पीडि़त निल में केस दर्ज करा सकता है। निल में केस दर्ज होने के बाद उसे संबंधित थाने को विवेचना के लिए जांच ट्रांसफर कर दी जाएगी। एफआईआर सेल में ऐसे केस नहीं दर्ज होंगे जिस मामले में दो परिचित लोगों के बीच विवाद हुआ हो या फिर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के मामला हो।