- वर्तमान में बिजली की मांग राज्य की परियोजनाओं और अन्य स्रोतों से हो रही है पूरी

- बैंकिंग की बिजली का भी नहीं किया गया इस्तेमाल

DEHRADUN: उत्तराखंड को पंजाब से अक्टूबर से मार्च तक रिटर्न बैंकिंग के तहत 802 मिलियन यूनिट बिजली प्राप्त होगी। इस समय बिजली की मांग राज्य की परियोजनाओं और अन्य स्रोतों से पूरी हो रही है। फिलहाल बैंकिंग की बिजली का भी इस्तेमाल नहीं किया गया है।

जल विद्युत परियोजनाओं से उत्पादन कम

प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाओं से मांग का एक तिहाई से भी कम बिजली उत्पादन होता है। केंद्रीय पूल, टेंडर, बाजार और अन्य स्रोतों से जरूरतभर की बिजली जुटानी पड़ती है। सर्दियों में नदियों का जलस्तर गिरने से बिजली का उत्पादन कम होता है। बिजली की कमी को पूरा करने के लिए उत्तराखंड पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड बैंकिंग करता है। पिछले चार साल से सर्दियों में हरियाणा से बिजली ली जाती रही और फिर गर्मी में पांच फीसद अधिक लौटाई गई। पिछले एक साल में तीन गैस आधारित परियोजनाओं से लंबी अवि1ध का करार हुआ।

क्क् फीसदी अधिक बिजली देगा पंजाब

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की उपलब्धता की गणना की और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को निर्देश दिए कि बैकिंग के माध्यम से गर्मियों में पहले बिजली दी जाए और फिर सर्दियों में ली जाए। पंजाब के साथ हुए करार में तय हुआ कि रिटर्न बैंकिंग में क्क् फीसद अधिक बिजली दी जाएगी। अप्रैल से सितंबर तक बिजली पंजाब को दी गई और अब अक्टूबर से मार्च तक वापस ली जाएगी। यूपीसीएल के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि बिजली की मांग और उपलब्धता का अनुमानित शेड्यूल पहले ही बन जाता है। जिस दिन बिजली की कमी की आशंका होगी, बैंकिंग से बिजली ली जाएगी।

एडवांस बैंकिंग की स्थिति

अप्रैल और मई, ब्फ्.77

जून, 9म्.क्7

जुलाई, ख्70.म्म्

अगस्त, ख्09.फ्9

सितंबर, क्क्क्.म्0

कुल, 7फ्क्.भ्भ्

रिटर्न बैंकिंग का शेड्यूल

अक्टूबर, 7ब्.ब्0

नवंबर, भ्ब्.00

दिसंबर, क्ब्8.80

जनवरी, ख्ब्क्.80

फरवरी, क्फ्ब्.ब्0

मार्च, क्ब्8.80

कुल, 80ख्.ख्0

(नोट : सभी आंकड़ मिलियन यूनिट में)