-धोखाधड़ी की शिकायत पर 40 लाख की मांगी रंगदारी, एफआईआर

<-धोखाधड़ी की शिकायत पर ब्0 लाख की मांगी रंगदारी, एफआईआर

BAREILLY: BAREILLY: राज्य सरकार को पुष्टाहार वितरण करने वाली कंपनियों के साथ 80 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। धोखाधड़ी करने वाला पहले कंपनी के ऑफिस में अकाउंट का काम देखता था। धोखाधड़ी पकड़े जाने के बाद अकाउंटेंट को निकाल दिया गया था, लेकिन करीब म् वर्ष बाद धोखेबाज ने कंपनी के अकाउंट से ख् करोड़ रुपए के ब् चेक भुनाने के लिए लगा दिए। यही नहीं उसपर डायरेक्टर से ब्0 लाख रुपए की रंगदारी मांगने का भी आरोप लगा है। कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर ने एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर संडे कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

अकाउंटेंट कर रहा था देखरेख

सिविल लाइंस निवासी अमर प्रकाश, मैसर्स देवेश फूड्स एंड एग्रो प्रोडक्टस, इंटर लिंक्स फूड्स, व‌र्ल्डवाइड होल्डिंग कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर हैं। अमर प्रकाश के मुताबिक मैसर्स देवेश फूड एंड एग्रो प्रोडक्ट कंपनी का ऑफिस दिल्ली साकेत में है। इसकी ब्रांच क्90 सिविल लाइंस बरेली में है। बारी नगला में कंपनी पुष्टाहार का निर्माण करती है। इस कंपनी की तीन अन्य लिंक कंपनियां हैं। यह भी पुष्टाहार का निर्माण करती हैं और ऑफिस सिविल लाइंस में है। इन कंपनियों के डायरेक्टर प्रवीन खंडेलवाल हैं। डायरेक्टर ने के ब्रांच में मढ़ीनाथ निवासी पवन मिश्रा को अकाउंटेंट के रूप में रखा गया था। पवन मिश्रा पर भरोसा कर कंपनी के सभी अकाउंट्स की देखरेख उसे दी गई थी। उसे बैंक अकाउंट में रुपए जमा करने के लिए ब्लैंक चेक भी दिए जाते थे।

ऑनलाइन ट्रांसफर में किया खेल

अमर प्रकाश का आरोप है कि पहले रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करने की सुविधा नहीं थी लेकिन वर्ष ख्0क्ख् में राज्य सरकार को ऑनलाइन रकम देने का मामला सामने आया है लेकिन कंपनी के अकाउंट पर इसकी सुविधा नहीं थी। इस पर पवन मिश्रा ने अपने निजी अकाउंट में ऑनलाइन सुविधा होने की बात कही है और अपने अकाउंट से डेली क्भ् लाख का ट्रांसफर होना भी बताया। जिसके बाद पवन अपने अकाउंट से ट्रांसफर करने लगा। इसी दौरान उसने चेक में गड़बड़ी कर 80 लाख रुपए का गबन कर लिया। इसमें उसकी पत्‍‌नी विनीता मिश्रा और साला कुलदीप भी शामिल हैं। कंपनी को कैलाशो देवी द्वारा दिए गए चेक पत्‍‌नी और भाई के अकाउंट में आरटीजीएस से ट्रांसफर किए। ऑडिट के दौरान खेल पकड़ा गया, जिसके बाद पवन मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया। उसके परिजनों ने फ्0 लाख और भ्0 लाख के दो चेक वापस करने के लिए दिए, लेकिन चेक बाउंस हो गए। जब पूरी जांच हुई तो पता चला कि ब्क्ब् चेक फर्म के गायब हैं। केस कोर्ट में चल रहा है।

बैंक से मैसेज पहुंचा तो चला पता

अमर के मुताबिक घपलेबाजी और चेक गायब होने की सूचना पीएनबी सिविल लाइंस को क्म् अक्टूबर ख्0क्भ् को दे दी गई थी। 7 फरवरी और क्ख् फरवरी ख्0क्8 को कंपनी के डायरेक्टर प्रवीन खंडेलवाल के मोबाइल पर बैंक से मैसेज आया कि उनके अकाउंट से भ्0-भ्0 लाख के चार चेक पेमेंट के लिए लगाए गए हैं, जो चेक लगाए गए हैं वह नष्ट किए जा चुके हैं। जब उन्होंने बैंक से पता किया तो सामने आया कि चेक पवन मिश्रा ने लगाए हैं। अब पवन केस वापस करने के लिए ब्0 लाख रुपए की रंगदारी मांग रहा है।