अल्टीमेटम

आयकर विभाग ने कारोबारियों को दी चेतावनी

बस 4 दिन, 30 के बाद नहीं मिलेगा मौका

- कालेधन को सफेद बनाने वालों की लगी कतार

- ताबड़तोड़ सर्वे से कारोबारियों में मची खलबली

Meerut: बस 4 दिन और। 30 सितंबर के बाद शायद ही देश के किसी नागरिक को कालेधन को सफेद धन में बदलने का मौका मिले। पार्लियामेंट ने जहां इनकम डिक्लरेशन स्कीम-2016 (आईडीएस) को एक्ट का दर्जा दिलाया है तो वहीं कुछ ऐसे कानून भी आने-वाले दिनों में प्रभावी हो जाएंगे। जिससे कालेधन को छिपाना नामुमकिन होगा। आईडीएस की जानकारी देते हुए सोमवार को आयकर आयुक्त अंजलि तिवारी ने कहा कि गाजियाबाद रीजन में मेरठ आईडीएस के केसेज में नंबर वन है।

बोगस एंट्री वाले रडार पर

आयकर विभाग में आयोजित प्रेसवार्ता में आयकर आयुक्त ने कहा कि मेरठ में कई 'बोगस एंट्री' रडार पर हैं। कई बड़े नाम इस काले कारोबार में शामिल हैं जो बैंकिंग चैनल को यूज कर परसेन्टेज लेकर कालेधन को सफेद बना रहे हैं। सभी को सूचीबद्ध कर कड़ी चेतावनी दी गई है और हिदायत दी गई है कि वे ये काम बंद करें, कालेधन को आईडीएस के माध्यम से सफेद बनाएं। इनकम टैक्स विभाग इस स्कीम को लेकर बेहद गंभीर है, मवाना-बड़ौत जैसे कस्बो में सर्वे हो रहे हैं। आईडीएस में आ रही भ्रांतियों पर उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि कारोबारियों के हित में विभाग उन्हें अधिकतम सहूलियत मुहैया करा रहा है। 30 सितंबर के बाद कालेधन को उजागर न करने वाले कुछ कहने की स्थिति न होंगे। पकड़े जाने पर विभाग भी उनकी बात नहीं सुनेगा और न्यूनतम 100 प्रतिशत, अधिकतम 300 पैनाल्टी के साथ-साथ सजा का भागीदार भी बनना होगा।

मेरठ में 1.75 लाख आयकर दाता

ज्वाइंट कमिश्नर अरकेंद्र सिंह ने बताया कि मेरठ परिक्षेत्र (मेरठ-बागपत) में कुल 1.75 लाख आयकर दाता हैं। आईडीएस के बाद बड़ी संख्या में आयकर दाता विभाग से जुड़ेंगे। बीडीआईएस नाम से कालेधन के खुलासे को लेकर 20 साल पहले 1997 में चलाई गई स्कीम के तहत 30 हजार करोड़ रुपये का कालाधन उजागर हुआ था। आयकर आयुक्त अंजलि तिवारी ने बताया कि स्कीम के तहत 30 नवंबर तक घोषित आय पर 25 प्रतिशत आयकर अदा करना होगा, 25 प्रतिशत 31 मार्च 2017 और 50 प्रतिशत आयकर 30 सितंबर 2017 तक अदा करना होगा। प्रेसवार्ता में डिप्टी कमिश्नर अनुराग दुबे और अनुभव सिंह मौजूद थे।

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कालेधन को सफेद धन बनाने के लिए यह आखिरी 4 दिन महत्वपूर्ण हैं। अपील है कि केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर बेनामी संपत्ति रखने वाले बड़ी मुसीबतों से बच सकते हैं। 30 सितंबर के बाद कुछ भी कहने का मौका न मिलेगा।

अंजलि तिवारी, आयकर आयुक्त, मेरठ