- तीन दिन बाद खुले बैंक, उमड़ी भीड़

-सुबह से अधिकांश बैंकों में खत्म हो गया कैश, जमकर हंगामा, मारपीट

-लगी रही लंबी-लंबी कतारें, पसीना-पसीना हुए लोग

Meerut। तीन दिन बाद मंगलवार को बैंक खुले तो भीड़ उमड़ पड़ी । सुबह से बैंकों के बाहर लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। बैंक खुले तो अंदर घुसने को आपाधापी मची और लोग एक-दूसरे से भिड़ गए। वहीं अधिकांश शाखाओं पर कुछ समय ही कैश वितरण हुआ इसके बाद नो-कैश को नोटिस चस्पा हुआ तो लोगों में खासी नाराजगी दिखी।

कई जगह हंगामे, जाम के प्रयास

आइडीबीआइ शास्त्रीनगर में लोगों की कतार के कारण जाम के हालात बन गए। यहां पैसे न मिलने पर महिलाओं ने हंगामा किया। गुस्साए लोगों ने जाम लगाने का प्रयास किया। जबकि यूनियन बैंक खूनी पुल शाखा पर सुबह से भीड़ उमड़ी, जिसके कारण जाम के हालात बने रहे। एसबीआई रूड़की रोड पर पेंशन धारक, वेतनभोगी लोगों को जब चार-चार हजार रुपये देने लगे तो वे उग्र हो गए। जमकर हंगामा किया और स्टाफ से अभद्रता पर लोग उतारू हो गए। बाद में दो-दो लोगों को भीतर प्रवेश देकर व्यवस्था संभाली गयी।

कैश की किल्लत जारी

बैंकों में कैश की किल्लत मंगलवार को भी जारी रही। आरबीआइ की ओर से यहां-तहां मामूली रकम ही पहुंची। वहीं बैंकों ने जमा हुए कैश को ही रोटेट किया। कैश न मिलने के कारण थोड़ी ही देर में 'नो-कैश' के नोटिस चस्पा हो गए। इसके बाद लोग तैश में आ गए और जमकर हंगामा हुआ। लोगों को मामूली रकम ही कैश के रूप में मिल पायी।

न तो कैश बैंक में और न ही कैश एटीएम में है। आखिर घर चलाने के लिए कुछ तो पैसे चाहिए। तीन घंटे लाइन में लगने के बाद दो हजार रुपये मिले हैं।

धीरज

बैंको के पास कैश नही है। एटीएम भी अभी तक शुरू नहीं हुए हैं। जिसके कारण सारी परेशानी हो रही है। सरकार की पहले से तैयारी नहीं थी। यदि होती तो ऐसे हालात न होते। जैसे तैसे करके काम चला रहे हैं।

सीताराम

बैंकों में बुरा हाल है सुबह चार घंटे लाइन में लगा तब जाकर दो हजार रुपये मिले। कल दोबारा से बैंक में लगना पड़ेगा। दो हजार से काम नहीं चलने वाला है।

संतोष कुमार गुप्ता

नोटबंदी का फैसला सरकार ने जल्दबाजी में किया है। पहले कैश का इंतजाम करना चाहिए था। बैंकों में कई दिन में लगने के बाद पैसे मिले हैं। एटीएम में लाइन में लग के भी कुछ पैसे निकाले हैं।

रामअवतार