- अष्टधातु की 16 बेशकीमती मूर्तियों को उठा ले गए हैं चोर

- मंदिर तक पहुंचने के लिए चोरों ने पेड़ का लिया सहारा

- वारदात से मचा हड़कंप, सूचना देने के बाद भी नहीं पहुंची पुलिस

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KAUSHAMBI: पुलिस की सुस्ती ने चोरों को कहीं भी वारदात करने के लिए बेखौफ बना दिया है। यही वजह है कि बुधवार रात चोरों ने सैनी थाना क्षेत्र के केसरिया गांव स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में धावा बोला और करोड़ों रुपए कीमत की अष्टधातु की 16 मूर्तियां उठा ले गए। सुबह लोग पूजा करने पहुंचे तो मंदिर का नजारा देख दंग रह गए। मामले की जानकारी होने पर मंदिर के प्रबंधक भी आनन फानन में मंदिर पहुंच गए। उन्होंने तत्काल सैनी पुलिस को सूचना दी, लेकिन दोपहर बाद तक कोई पुलिसकर्मी स्पॉट पर नहीं पहुंचा। पुलिस की इस मनमानी से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

पेड़ के सहारे मंदिर तक पहुंचे चोर

मंदिर में चोरी के लिए चोरों ने समीप स्थित एक पेड़ का सहारा लिया। दरअसल मंदिर के मेन दरवाजे पर ताला बंद था। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि चोर मंदिर के बगल वाले पेड़ के सहारे उसकी छत पर पहुंचे। इसके बाद सीढ़ी से नीचे उतरे और दूसरे दरवाजे का ताला तोड़कर कर मंदिर में प्रवेश कर गए।

250 साल पुराना है मंदिर

मंदिर के प्रबंधक दिनेश सिंह ने बताया कि उनके पूर्वजों ने यह मंदिर करीब 250 साल पहले बनाया था। मंदिर में गांव के अलावा आस-पास के लोग भी पूजा करने आते हैं। प्रबंधक दिनेश सिंह ने बताया कि पूर्वजों के इस मंदिर में चोरों की निगाह काफी दिन से रही है। वर्ष 1989 में पहली बार मंदिर में चोरी हुई। चोर यहां से लगभग 40 किलो के वजन वाली चार मूर्तियों को उठा ले गए। इसके बाद 1992 में दोबारा मंदिर में चोरी हुई। चोर मंदिर से पांच मूर्तियों को ले गए थे। वर्ष 2010 में एक बार फिर बदमाशों ने मंदिर को निशाना बनाया। करीब 40 किलो वजनी चांदी की मूर्ति इस बार गायब हुई थी।

चार बार हो चुकी है चोरी

मंदिर में चार बार चोरी हो चुकी है। लेकिन एक भी चोरी का पुलिस खुलासा नहीं कर सकी है। मंदिर के प्रबंधक दिनेश सिंह का कहना है कि पूर्व में हुई चोरी की वारदातों की रिपोर्ट सैनी कोतवाली में दर्ज कराई गई। लेकिन पुलिस ने एक भी मामले का खुलासा नहीं किया। ज्यादा पैरवी करने पर उल्टा शिकायत करने वाले को ही दबाया जाने लगता है।

हाइवे के शोर ने की चोरों की मदद

मंदिर हाइवे के किनारे है। रात-भर मंदिर के आस-पास के ढाबे गुलजार रहते हैं। लोगों की माने तो वाहनों के शोर की वजह से किसी को मंदिर में बदमाशों के जाने की आहट नहीं मिली। भोर में गांव के लोग मंदिर की तरफ गए तो घटना की जानकारी हो सकी।

घटना को संदिग्ध बता रही पुलिस

केसरिया मंदिर में हुई चोरी की घटना को सैनी पुलिस संदिग्ध बता रही है। इंस्पेक्टर दिनेश यादव का बाहर का ताला नहीं टूटा था। इससे मामला संदिग्ध लग रहा है। जो मूर्तियां चोरी जाना बताया गया है वह छोटी-छोटी है। मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

कब-कब हुई चोरी

वर्ष चोरी

1989 चार मूर्ति

1992 पांच मूर्ति

2010 चांदी की मूर्ति

2015 16 मूर्ति अष्टधातु