RANCHI: रिम्स में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट की डीआर मशीन खराब हो गई है। जिससे कि एक महीने से मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है। डीआर के लिए रिम्स में जहां मरीजों को म्00 रुपए चार्ज लगता है वहीं प्राइवेट सेंटरों में लोगों को फ् हजार रुपए तक चुकाने पड़ रहे है। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन डीआर मशीन बनवाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है। जबकि डायरेक्टर ने अधिकारियों को अलग-अलग काम देखने की जिम्मेवारी दे रखी है। ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही से इन्कार नहीं किया जा सकता।

गरीब मरीजों की बढ़ी परेशानी

रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में डीआर मशीन से किडनी के मरीजों की जांच की जाती है। इसके अलावा आइभीपी, आरजीयू, एमसीयू, साइनोग्राम व एलएस स्पाइन, डीएल स्पाइन टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सक्षम लोग प्राइवेट में जाकर अपनी जांच करा रहे हैं।

वर्जन

मशीन खराब होने की जानकारी मुझे नहीं है। ऐसा है तो मशीन को ठीक कराने का आदेश एचओडी को दिया जाएगा। लेकिन मशीन के मेंटेनेंस में अगर कंपनी की ओर से लापरवाही बरती जा रही है, तो उसके मेंटेनेंस कास्ट से पैसे काट लिए जाएंगे।

-डॉ। बीएल शेरवाल, डायरेक्टर, रिम्स