- भाभा एटॉमिक रिचर्स सेंटर ने प्रिंसीपल को भेजी रिपोर्ट, मई माह तक मरीजों की सिकाई बंद करने का निर्देश

- निजी क्षेत्र में गरीब मरीजों पर पड़ेगा लाखों का खर्च, रोजाना 30 मरीजों की थेरेपी

- विभाग ने रेडियोसोर्स के लिए प्रशासन के पास भेजा 1.30 करोड़ का प्रस्ताव

Meerut : कैंसर के चंगुल में कैद तमाम मरीजों के लिए सस्ती चिकित्सा की आखिरी किरण भी डूब गई। भाभा एटॉमिक रिचर्स सेंटर ने लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में कैंसर मरीजों की सिकाई पर रोक लगा दी। रेडियोसोर्स की ताकत क्षीण होने की वजह से अब मई माह से रेडियोथेरपी बंद कर दी जाएगी।

मरीजों पर आई आफत

दस वर्ष पहले रेडियोथेरपी की मशीन में कोबाल्ट-म्0 लगाई गई थी। रेडियोसोर्स दो बार अर्ध आयु पूरी करने की वजह से रेडिएशन की ताकत मानक से कम हो गई। भाभा एटामिक एनर्जी रेग्यूलेटरी बोर्ड की टीम ने दो माह पहले रेडियोथेरपी उपकरणों की जांच की। पिछले सप्ताह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ। प्रदीप भारती गुप्ता को भेजी रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने साफ किया कि रेडियोसोर्स की क्षमता कम होने से मरीजों की लंबे समय तक सिकाई करनी पड़ रही है, जिससे उनके अन्य कोशिकाएं भी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। बोर्ड ने मेडिकल कॉलेज में लगी रेडियोथेरपी मशीन को मई माह तक बंद करने का निर्देश दिया है।

मशीन की ताकत हुई आधी

मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोग चिकित्सा विभाग में वर्ष ख्00ब् में रेडियोथेरपी मशीन का सोर्स बदला गया था। हर दो वर्ष में भाभा की टीम देशभर के सभी रेडियोएक्टिव सोर्सेज की जांच कर अपनी रिपोर्ट देती है। प्राइवेट सेक्टर में रेडियोथैरेपी के लिए लीनियर एक्सिलरेटर मशीनों का प्रयोग हो रहा है, जिसमें रेडिएशनप्रूफ थैरेपी दी जाती है, किंतु मेडिकल कॉलेजों में यह आधुनिक तकनीक उपलब्ध नहीं, ऐसे में रेडियोसोर्स से ही सिकाई करनी पड़ती है। अब भाभा ने रेडियोथैरेपी रोकने के लिए कहा है। ऐसे में सैकड़ों मरीजों का जीवन खतरे में फंस गया है। सरकारी चिकित्सा में क्00 रुपए की थैरेपी के लिए निजी क्षेत्रों में लाखों रुपए वसूले जाते हैं, जिसे गरीब मरीज वहन नहीं कर सकता।

भाभा एटॉमिक रिचर्स सेंटर ने थेरपी देने से पहले रोजाना मशीन की क्वालिटी चेक करने की सिफारिश की है। रोजाना औसतन फ्0 मरीजों की थेरपी होती है, जिन्हें जरुरत के मुताबिक अलग-अलग डोज दिया जाता है। रेडियोसोर्स के लिए शासन के पास क्.फ्0 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव भेजा गया है।

- डॉ। सुभाष सिंह, विभागाध्यक्ष, कैंसर रोग विभाग

भाभा एटॉमिक रिचर्स सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में मई माह तक रेडियोथेरपी बंद करने के लिए कहा है। रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

- डॉ। प्रदीप भारती गुप्ता, प्रिंसीपल, मेडिकल कॉलेज

रेडियोथेरपी मशीन की ताकत कम होने से मरीजों की सिकाई पर असर पड़ रहा है। हालांकि पुराने मरीजों की सिकाई जारी रखी जा सकती है, जबकि नए मरीजों की बंद करनी पड़ सकती है।

- डॉ। एके तिवारी, विकिरण सुरक्षा अधिकारी, मेडिकल कॉलेज