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LUCKNOW:

सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद रैगिंग का दंश थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला राजधानी स्थित डॉ। राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का है। यहां स्टूडेंट्स भ्रष्ट्राचार और यौन शोषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बीते चार दिनों से कैम्पस में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं वीसी केवल मामले की जांच कराने के लिए कमेटी बनाने और रद्द करने का खेल में व्यस्त हैं। जिससे आहत स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

 

कैंपस में बढ़ रहे हैं यौन शोषण के मामले

यूनिवर्सिटी में नया सेशन शुरू होने के साथ ही स्टूडेंट्स के साथ देर रात रैगिंग और हॉस्टल के कमरों में घुसकर यौन शोषण के मामले लगातर बढ़ गए हैं। इसकी शिकायत खुद स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स ने यूजीसी के रैगिंग ग्रेवांस सेल से कर चुके हैं। लेकिन, यूनिवर्सिटी प्रशासन केवल चुप्पी साधे बैठा हुआ है। कैम्पस में जूनियर स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग के आरोपी सीनियर स्टूडेंट्स खुलेआम घूम रहे हैं। जिससे पीडि़त स्टूडेंट्स में काफी रोष है।

 

देर रात कपड़े उतारे को कहा

यूजीसी के ग्रेवांस सेल को भेजे गए एक ईमेल में यूनिवर्सिटी के फस्र्ट ईयर के एक स्टूडेंट ने रैगिंग और यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाये हैं। पीडि़त स्टूडेंट ने यूजीसी को भेजे ईमेल में कहा है कि उसने रायपुर से आकर यहां एडमिशन लिया था। करीब 16 दिन तक आरएमएनएलयू में रहा। जितने दिन वह यूनिवर्सिटी में रहा, उतने दिनों तक उसे रैगिंग, यौन शोषण जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ा। उसने ईमेल में लिखा है कि बीती 10 जुलाई को रात करीब ढाई बजे उसके कमरे 2021 में बैच कुछ सीनियर स्टूडेंट्स आते हैं। वह उसके साथ पहले बातचीत करते हैं फिर रैगिंग करना शुरू कर देते हैं। इसके बाद एक-एक कर अपने कपड़े उतारने को कहने साथ ही यौन शोषण भी करते हैं। यूजीसी को भेजे ईमेल में स्टूडेंट ने पूरी घटना की जानकारी दी है, कैसे इन सीनियर्स ने उसके साथ पूरी रात बारी-बारी से यौन शोषण किया था। इसमें सेकेंड पांच से छह स्टूडेंट्स शामिल थे।

 

पिता ने भी की शिकायत

खुलेआम रैगिंग की शिकायत केवल पीडि़त ही नहीं बल्कि फस्र्ट इयर के स्टूडेंट के पिता ने भी यूजीसी के ग्रेवांस सेल को ईमेल से है। वह जयपुर में केंद्र सरकार में बड़े पद पर नियुक्त हैं। उन्होंने ई-मेल में लिखा कि हॉस्टल वार्डन कभी कभार ही हॉस्टल की विजिट करते हैं। फ्रेशर्स को हॉस्टल में जो रूम, अलमारी और सामान मिला था वह 20 जुलाई तक सीनियर स्टूडेंट्स ने कब्जा करके रखा हुआ था। जिसमें सेकेंड और थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स इस्तेमाल करते रहे। शनिवार रात को सभी लोकल सीनियर स्टूडेंट्स अपने हॉस्टल को छोड़ जूनियर के कमरों में जाते हैं, उनके साथ रैगिंग और यौन शोषण जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ईमेल में यूनिवर्सिटी में शराब, ड्रग्स और दूसरी नशीली वस्तुओं के सप्लाई की भी बात कही है। जिस कारण से उन्होंने अपने बेटे को आरएमएनएलयू से निकालकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर में एडमिशन करा दिया है।

 

बिना एडमिशन ही हॉस्टल पर कब्जा 

यूनिवर्सिटी सूत्रों का कहना है कि रैगिंग की घटनाएं कोई एक या दो दिन की नहीं है। यह लगातार हो रही हैं। यूनिवर्सिटी में सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स को एडमिशन के लिए एक अगस्त से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होनी है। पर हॉस्टल में एक जुलाई से ही सीनियर स्टूडेंट्स ने कब्जा कर लिया। वह लगातार फ्रेशर्स स्टूडेंट्स के  कमरों में आ जा रहे थे। फिर भी पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी प्रशासन चुप्पी साधे रहा।

 

रजिस्ट्रार ने मांगी था कार्रवाई रिपोर्ट

यूजीसी में रैगिंग और यौन शोषण जैसे मामले की जानकारी होने पर रजिस्ट्रार शम्भू कुमार ने यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर, वीसी और एंटी रैगिंग कमेटी के डायरेक्टर को लेटर लिखकर जानकारी मांगी थी। पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से अभी तक इस पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करना तो दूर इसकी जानकारी भी रजिस्ट्रार को नहीं दी।

 

64 स्टूडेंट्स पर कर दिया था कार्रवाई

पूरे मामले पर जब यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रो। केए पांडेय से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि पीडि़त स्टूडेंट्स ने दस जुलाई को रैगिंग और यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पूरी प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने जांच शुरू की। जिसमें 64 स्टूडेंट्स को हमने जूनियर से बातचीत करने के बाद चिन्हित किया था। सभी पर पांच हजार रुपए का फाइन भी लगाया गया था। उन्होंने बताया कि एडमिशन नियमों के तहत पीडि़त स्टूडेंट नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर में एडमिशन ले लिया। जिसके बाद पीडि़त स्टूडेंट ने 23 जुलाई को रैगिंग की शिकायत यूजीसी ग्रेवांस सेल को ईमेल के माध्यम से की। उसके साथ रैगिंग की घटना 10 जुलाई को हुई थी। ईमेल में उसने कुछ आरापेी स्टूडेंट्स का नाम भी लिखा था। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोपियों से पूछताछ की, लेकिन सिर्फ जूनियर स्टूडेंट्स से रोक के बावजूद बात करने का ही आरोप उन पर सिद्ध हुआ था।


हमने सेशन शुरू होने से पहले ही सीनियर व जूनियर स्टूडेंट्स के आपस में बातचीत करने पर रोक लगा दी थी। इस रैगिंग और यौन शोषण के मामले की जांच की गई थी। इसमें जो भी दोषी मिले थे उन पर कार्रवाई भी की गई थी। 

- प्रो. केए पांडेय, चीफ प्रॉक्टर, आरएमएनएलयू

 

हमने इस पूरे मामले पर वीसी और रजिस्ट्रार से जानकारी मांगी थी। साथ ही हॉस्टल में हो रही रैगिंग और यौन शोषण जैसी घटनाओं पर क्या कार्रवाई की गई है इसकी भी रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। 

- शम्भू कुमार, रजिस्ट्रार, आरएमएनएलयू

 

बीती 10 जुलाई की रात करीब ढाई बजे मेरे कमरे में 2021 बैच (सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स) के कुछ सीनियर्स जबरन आते हैं। फिर वह रैगिंग करना शुरू कर देते हैं। उन्होंने पहले मेरे कपड़े एक एक कर उतरवाए। फिर बारी बारी से पूरी रात सीनियर्स ने मेरा यौन शोषण किया। इसमें सेकेंड पांच से छह स्टूडेंट्स शामिल थे।

- पीडि़त स्टूडेंट्स 8

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