क्या है रफेल डील

कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने फ्रांस की कंपनी से 58,000 करोड़ में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया है। यह टैक्स देने वाले लोगों की कमाई है। वर्ष 2012 में यूपीए सरकार ने फ्रांस से एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए जितने में समझौता किया था। उससे तीन गुना ज्यादा रकम देकर मोदी सरकार एयरक्राफ्ट खरीद रही है। राहुल ने ट्वीट के जरिये मोदी पर हमला बोला है। इसके बाद ट्विटर यूजर्स ने राहुल की जमकर खिचाई की तो कुछ उनके साथ खड़े नजर आये।

जियो तो बहाना था डिफेंस डील पाना था,राहुल के राफेल वाले ट्वीटर पर रिएक्‍शन

अगस्ता हेलिकॉप्टर घोटाला

2013 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पर इटली की चॉपर कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से कमीशन लेने के आरोप लगे थे। अगस्ता वेस्टलैंड से भारत को 36 अरब रुपए के सौदे के तहत 12 हेलिकॉप्टर खरीदने थे। इतालवी कोर्ट में रखे गए 15 मार्च 2008 के एक नोट में इशारा किया गया था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया इस वीआईपी चॉपर खरीद के पीछे अहम भूमिका निभा रही थीं।

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वाड्रा-डीएलएफ घोटाला

2012 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी और उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ से 65 करोड़ का ब्याजमुक्त लोन लेने का आरोप लगा। ये आरोप भी लगे कि इस बिना ब्याज पैसे की अदायगी के पीछे कंपनी को राजनीतिक फायदा पहुँचाना मकसद था। यह भी कहा गया कि इस दौरान केंद्र में कांग्रेस सरकार के रहते रॉबर्ट वाड्रा ने देश के कई हिस्सों में बेहद कम कीमतों पर जमीनें खरीदीं।

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नेशनल हेराल्ड केस

कांग्रेस के पैसे से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी 1938 में बनी। ये कंपनी तीन अखबार चलाती थी। नेशनल हेरल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज। एक अप्रैल 2008 को ये अखबार बंद हो गए। मार्च 2011 में सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी ने यंग इंडिया लिमिटेड नाम की कंपनी खोली जिसमें दोनों की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी थी। कंपनी को खड़ा करने का मकसद एजेएल पर मौजूद 90.21 करोड़ रुपए की देनदारियां उतारना था। पार्टी ने हेरल्ड हाउस में एक करोड़ रुपया और लगाया जो कभी एजेएल के पास होता था। इस मामले में सोनिया और राहुल के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी अदालत गए और संपत्ति के बेजा इस्तेमाल का केस दर्ज कराया।

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बोफोर्स घोटाला

इस घोटाले ने 1980 और 1990 के दशक में गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छवि को गहरा धक्का पहुँचाया। आरोप थे कि स्वीडन की तोप बनाने वाली कंपनी बोफोर्स ने कमीशन के बतौर 64 करोड़ रुपए राजीव गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं को दिए थे ताकि वो भारतीय सेना को अपनी 155 एमएम हॉविट्जर तोपें बेच सके। बाद में सोनिया गांधी पर भी बोफोर्स तोप सौदे के मामले में आरोप लगे जब सौदे में बिचौलिया बने इतालवी कारोबारी और गांधी परिवार के करीबी ओतावियो क्वात्रोकी अर्जेंटिना चले गए।

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मारुति घोटाला

कार कंपनी मारुति की स्थापना से भी पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम मारुति घोटाले में आया था। उनके बेटे संजय गांधी को यात्री कार बनाने का लाइसेंस मिला था। 1973 में सोनिया गांधी को मारुति टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लि. का एमडी बनाया गया। सोनिया के पास इसके लिए जरूरी तकनीकी योग्यता नहीं थी। कंपनी को इंदिरा सरकार की ओर से टैक्स, फंड और जमीन को लेकर कई छूटें मिलीं। मगर कंपनी बाजार में उतारने लायक एक भी कार नहीं बना सकी और 1977 में बंद कर दी गई।

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