आई फॉलोअप :::

-अवैध स्लॉटर हाउस में छापेमारी मामले में तीन हजार अज्ञात पर दर्ज है एफआईआर

-दिल्ली से छापेमारी के लिए कुरैशी मोहल्ला पहुंची थी एनिमल वेलफेयर की टीम

-स्थानीय लोगों ने किया था विरोध, भारी हंगामा के बीच खाली हाथ लौटी थी पुलिस

रांची : रांची के आजाद बस्ती स्थित कुरैशी मोहल्ला में एनिमल वेलफेयर और पुलिस की छापेमारी के दौरान विरोध और हंगामा करने वालों की पहचान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी से की जा रही है। प्रशासन ने हंगामा के दौरान वीडियो रिकॉडिंग की थी। अलग-अलग तस्वीरें भी ली थी। इन्हें पुलिस को सौंप दिया गया। इन तस्वीरों से संबंधित लोगों के चेहरे का मिलान कर सत्यापन कराया जा रहा है। पूरे सत्यापन के बाद इनकी गिरफ्तारी होगी। बीते शनिवार को देर रात अवैध ढंग से चल रहे स्लॉटर हाउस और प्रतिबंधित मांस के कारोबार की सूचना पर एनिमल वेलफेयर की टीम को स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। टीम के अधिकारियों से बदसुलूकी भी की गई थी। टीम के पहुंचते ही सैकड़ों की संख्या में लोग निकल आए थे। छापेमारी करने गई टीम को घेर लिया था। इसके बाद भारत विरोधी नारे भी लगाए थे। लोगों के हंगामे को देखते हुए टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा था। हंगामा करने वाले तीन हजार अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

महिलाएं और बच्चों को आगे कर विरोध

छापेमारी के दौरान हंगामे को लेकर मजिस्ट्रेट डॉ। दयानंद प्रसाद ने लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में उन्होंने कहा है कि उपायुक्त रांची के निर्देश पर स्थानीय थाने की पुलिस फोर्स के साथ भारतीय जीव जंतू कल्याण बोर्ड, दिल्ली की टीम ने अवैध वधशाला में छापेमारी की थी। इस दौरान छापेमारी टीम को पांच टन प्रतिबंधित मांस, एक टेंपो और सात जिंदा पशु मिले थे। पुलिस की छापेमारी की खबर मिलते ही अचानक करीब तीन हजार की भीड़ एकत्रित हो गई और पुलिस को घेर लिया। लोगों ने महिलाएं और बच्चों को आगे कर खूब हंगामा किया था। भारत विरोधी नारे भी लगाए गए थे। हंगामा बढ़ता देख टीम थाने लौट गई। अतिरिक्त बल के साथ दोबारा पहुंचने पर वहां से सबकुछ हटा लिया गया था। मामले में सरकारी काम में बाधा, पशु क्रुरता अधिधियम, गोवंशी हत्या निषेध अधिनियम समेत अन्य धाराओं के साथ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

गायब कर दिया था प्रतिबंधित मांस

पुलिस जब छापेमारी करने कुरैशी मोहल्ला पहुंची थी तब वहां कई टन प्रतिबंधित मांस और मवेशी थे। लेकिन, हंगामे के बाद दस मिनट के भीतर सब कुछ गायब कर दिया गया। हंगामा कर रहे लोगों ने मोहल्ले की स्ट्रीट लाइट को बंद कर दिया था। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर मांस गायब कर दिए थे। अंधेरा होने की वजह से पुलिस अवैध वधशाला के प्रतिबंधित मांस छुपाए जाने वाले जगह का पता नहीं लगा सकी थी। पुलिस सुबह भी छापेमारी करने पहुंची थी। लेकिन पुलिस को वहां कुछ नहीं मिला।