- लूट, डकैती, अनवांटेड एक्सिडेंट, टेरररिस्ट अटैक, शूट आउट में इंश्योरेंस कवर देने के लिए शुरू की थी इंश्योरेंस स्कीम

- 30 दिन में रिकॉर्ड एक करोड़ लोगों ने कराया इंश्योरेंस

- रेलवे ने एक सितंबर को लांच की थी स्कीम

GORAKHPUR : रेलवे का सफर सबसे सेफ और सिक्योर माना जाता है। ज्यादातर लोग सिर्फ इसलिए रेल के सफर को प्रिफर करते हैं क्योंकि वह बेफिक्र होकर अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच जाते हैं। मगर धीरे-धीरे यह ब्रेफिक्री कम होने लगी है। अब कंज्यूमर्स को भी ट्रेन के सफर में डर लगने लगा है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि रेलवे की ओर से स्टार्ट की गई ऑप्शनल इंश्योरेंस स्कीम के रिजल्ट को देखकर इस बात का आसानी के साथ अंदाजा लगाया जा सकता है। महज एक मंथ में ही यह आंकड़ा एक करोड़ तक पहुंच गया।

एक मंथ, एक करोड़ इंश्योरेंस

रेलवे ने एक सितंबर 2016 से ऑप्शनल इंश्योरेंस स्कीम लांच की थी। इसमें सफर के दौरान पैसेंजर्स से एक रुपए लेकर रेलवे उनका इंश्योरेंस कर रहा है। बेस स्टेशन से शुरू होकर यह सुविधा डेस्टिनेशन प्वाइंट्स तक जारी रहेगी। इसमें लूट, डकैती, अनवांटेड एक्सिडेंट, टेरररिस्ट अटैक, शूट आउट तक के केस में रेलवे इंश्योरेंस दे रहा था। शुरुआत के साथ ही पैसेंजर्स ने भी इंश्योरेंस कराने में अपनी भलाई समझी और एक महीने में ही एक करोड़ लोगों ने इंश्योरेंस करा डाला।

स्टार्टिग प्वाइंट्स से कवर शुरू

सफर के दौरान पैसेंजर्स ने अगर इंश्योरेंस कवर लिया है, तो इसका इंश्योरेंस कवर स्टार्टिग प्वाइंट से ही स्टार्ट हो जा रहा है। यह डेस्टिनेशन तक लागू रहेगा। अगर पैसेंजर्स बीमा के लिए दिए गए चेकबॉक्स में टिक करता है, तो उसकी इंश्योरेंस राशि ऑटोमेटिक पैसेंजर्स के खाते से डिडक्ट हो जाएगी। टिकट बुकिंग और प्रिमियम के पेमेंट के बाद नॉमिनेशन की पूरी डीटेल मैसेज के थ्रू पैसेंजर्स को मिल जाएगी। यह मैसेज क्लेम के लिए जरूरी होगा। इंश्योरेंस का ऑप्शन चुनने के बाद टिकट बुकिंग के लिए सभी पैसेंजर्स का पीएनआर नंबर और प्रीमियम के हिसाब से कवरेज जरूरी हो जाएगा। अगर पांच साल से कम का बच्चा भी साथ है, तो रिजर्वेशन के दौरान उसकी डीटेल भी देनी होगी। इतना ही नहीं पैसेंजर्स को अपने इंश्योरेंस की ई-रेसिप्ट पाने के लिए ई-मेल आईडी उपलब्ध करानी होगी।

कितना मिलेना है क्लेम

- मृत्यु या स्थाई रूप से पूर्ण विकलांग होने पर परिवार को 10 लाख का मुआवजा

- स्थाई रूप से आंशिक विकलांग होने पर 7.5 लाख

- अस्पताल में भर्ती होने पर 2 लाख रुपए तक का खर्च

- ट्रेन दुर्घटना में मौत या घायल होने पर पार्थिव शरीर ले जाने के लिए या आतंकवादी हमलों, डकैती, दंगा, गोलीबारी या आगजनी के साथ टर्मिनेशन और रूट डायवर्जन करने और अन्य अप्रिय घटना होने पर 10 हजार रुपए का मुआवजा

आईआरसीटीसी ने एक सितंबर से ऑप्शनल इंश्योरेंस स्कीम शुरू की थी। इसमें एक रुपए में दस लाख रुपए तक का क्लेम मिलना है। एक सितंबर से स्टार्ट सर्विस का फायदा 29 दिनों में एक करोड़ लोगों ने उठाया है।

- संदीप दत्ता, पीआर मैनेजर, आईआरसीटीसी