-कैंट रेलवे स्टेशन कैंपस में पानी की प्रॉपर नहीं हो पा रही है सप्लाई

-प्लेटफॉर्म के वाटर बूथ व कूलर से नहीं निकल रहा पानी

-पैसेंजर्स पानी खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर

VARANASI

कैंट रेलवे स्टेशन पर हो रहे डेवलपमेंट वर्क को देख आप इस मुगालते में मत रहिएगा कि सबकुछ व‌र्ल्डक्लास ही होगा। क्योंकि यहां हर साल की तरह इस बार भी पानी की किल्लत शुरू हो गयी है। टेंप्रेचर बढ़ने के साथ ही स्टेशन पर सरकारी जल गायब हो गया है। यूं समझें कि वेंडर्स के खेल में रेल की व्यवस्था फेल हो गई है। स्टेशन पर आने-जाने व ट्रेंस से जर्नी करने वाले यात्री प्यासे ही रह जा रहे हैं। प्यास बुझाने को उन्हें मजबूरी में बॉटल का पानी खरीदना पड़ रहा है। हाल यह है कि डीआरएम सतीश कुमार ने दो दिन पहले इंस्पेक्शन में स्टेशन कैंपस में पीने के पानी की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए निर्देशित किया था। बावजूद इसके पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पायी है।

यहां भी नहीं मिल रहा पानी

पीने के पानी की परेशानी प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर है। खास बात यह कि जिस प्लेटफॉर्म पर ऑफिसर्स का ऑफिस है यानी एक और पांच नंबर प्लेटफॉर्म। जहां प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर डिप्टी स्टेशन अधीक्षक, जीआरपी सहित कई विभागों के ऑफिस हैं तो एक नंबर पर भी कई ऑफिसर्स के ऑफिस हैं। इसके बाद भी प्लेटफॉर्म पर वाटर बूथ से प्रॉपर पानी नहीं आ है। जबकि वॉटर कूलर भी सूखे हैं। कैंट स्टेशन से डेली करीब 120 ट्रेंस गुजरती हैं। करीब एक लाख पैसेंजर्स का आना-जाना होता है। प्लेटफॉर्म नंबर पांच की बात करें तो लंबी दूरी की अधिकतर ट्रेंस इसी से गुजरती हैं। इसमें पवन एक्सप्रेस, श्रमजीवी एक्सप्रेस, पंजाब मेल, न्यू फरक्का एक्सप्रेस, दादर-गोरखपुर एक्सप्रेस, उधना एक्सप्रेस, किसान एक्सप्रेस आदि प्रमुख हैं। ये सभी लांग रूट की ट्रेंस हैं। जिनमें स्टेशन पर प्रेशर लो होने के कारण पानी नहीं भरा जा पा रहा है।

डेली 10 हजार लीटर से अधिक की सेल

स्टेशन कैंपस पर स्थित स्टॉल्स व वाटर एटीएम से भी पीने का पानी खरीदने का इंतजाम है। ऑफिसर के मुताबिक डेली करीब 250 पैकेट बॉटल पानी बिकता है। एक पैकेट में 12 बोतलें होती हैं। इस हिसाब से 3000 लीटर पानी बोतल बंद बिकता है तो सुबह से लेकर दे रात तक वाटर एटीएम पर लगी लाइन से लगभग 7000 से 7500 हजार लीटर पानी बिकता है। सारा खेल इसी के लिए हो रहा है। अगर वाटर कूलर व वाटर बूथ से प्रॉपर पानी मिलता तो बॉटल खरीदने की जरूरत न पड़ती।

लीकेज में हजारों लीटर की बर्बादी

एक मिनट में एक हाइड्रेंट प्वाइंट से करीब 100 लीटर पानी निकलता है। इस हिसाब से एक घंटे में हाइड्रेंट से 6000 लीटर पानी निकल जाता है। यदि हाइड्रेंट अनावश्यक खुला हो तो एक घंटे में छह हजार लीटर पानी पूरी तरह से बर्बाद होता है। स्टेशन कैंपस में डेली कई हाइड्रेंट अनावश्यक रूप से घंटों खुले रहते हैं। उन्हें बंद करने वाला कोई नहीं होता।

प्वाइंट टू बी नोटेड

-कैंट रेलवे स्टेशन कैंपस में 10 पंप से पानी की सप्लाई होती है।

-कैंपस में 4 ओवरहेड टंकी है।

-कैंपस में बनी तीन टंकी 1 लाख लीटर की है।

-एक टंकी 50 हजार लीटर की है।

-इनसे कैंपस में 15 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती है।

-कैंपस में एक पंप बनकर तैयार हो गया है जल्द ही इससे सप्लाई होगी।

पीने के पानी की व्यवस्था सही रखने के लिए जिम्मेदार डिपार्टमेंट को आदेशित किया जा चुका है। उन्हें हर हाल में पानी की क्राइसिस को रोकना है। पैसेंजर्स को परेशानी हुई तो कार्रवाई की जाएगी।

सतीश कुमार, डीआरएम

नॉर्दर्न रेलवे, लखनऊ डिवीजन