-रेलवे अफसरों का कारनामा, कॉलोनी में अवैध कब्जा को दिए हैं प्रश्रय

- आरपीएफ के एक्शन के बावजूद दोबारा बस गई डेयरियां

BAREILLY:

बरेली जंक्शन के रेलवे ऑफिसर मुफ्त के दूध से अपनी सेहत बना रहे हैं। उन्होंने इसके लिए रेलवे कॉलोनी में अवैध डेयरियां भी बसा दी हैं। वहीं, रेलवे के ऑफिसर ने सुरक्षा को भी ताक पर रख दिये हैं। क्योंकि, जिस व्यक्ति को डेयरी खोलने की इजाजत दे रखी है, उसका बेटा रेप के आरोप में जेल भी जा चुका है।

चार डेयरी को इजाजत

रेलवे लोको कॉलोनी में खाली पड़ी जमीन पर अवैध डेयरियां चल रही हैं। रेलवे के ऑफिसर ने चार लोगों को यहां पर डेयरियां खोलने की इजाजत दे रखी है, जिनके पास दर्जनों भैंस और गाय हैं, जिनसे डेयरी संचालक करीब 3 क्विंटल दूध डेली पैदा कर रहे हैं। यह सारे दूध रेलवे कॉलोनी में ही खप जाता है। मुफ्त दूध सिर्फ ऑफिसर के लिए है। जबकि बाकी लोगों को मोल में दूध लेना पड़ता है। गाय का दूध 40 और भैंस का दूध 45 रुपए प्रति लीटर।

यूनियन और ऑफिसर का संरक्षण

सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे यूनियन के पदाधिकारियों के संरक्षण में यह डेयरियां चल रही हैं। खास बात यह है कि कॉलोनियों में रेलवे के सीएचआई, आईओडब्ल्यू सहित अन्य कई अफसर भी रहते हैं, जिन्हें इन डेयरियों से कोई ऐतराज नहीं है। डेयरी संचालक अफसरों के घर जरूरत के मुताबिक 2 से 3 लीटर दूध पहुंचा देते हैं। इतने से उनके कब्जा करने की मूक सहमति मिल जाती है। यही वजह है कि आरपीएफ ने कई मर्तबा अवैध डेयरियों को कॉलोनी से हटाया। चूंकि रेलवे ऑफिसर खुद ही डेयरियों को बसाने में शह देते हैं, तो आरपीएफ भी कुछ नहीं कर पाती है।

कॉलोनी की सुरक्षा से खिलवाड़

मुफ्त के दूध के लिए ऑफिसर ने कॉलोनी की सुरक्षा भी ताक पर रख दिए हैं। प्रेमपाल नाम के डेयरी संचालक का लड़का रेप के आरोप में जेल भी जा चुका है। ऐसे में कॉलोनी में रहने वाली महिलाएं और लड़कियां भी अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं। वहीं डेयरियों के होने की वजह से गंदगी भी काफी रहती है।

मैंने कई बार अवैध डेयरियों को हटाया, लेकिन वह दोबारा बस जाती हैं।

टीपी सिंह, इंस्पेक्टर, आरपीएफ जंक्शन

डेयरी की जानकारी मुझे नहीं है। अभी मौके की जांच कराकर डेयरी को हटवाता हूं।

चमन सिंह, आईओडब्ल्यू