ALLAHABAD: जब कोई घटना होती है तभी सिस्टम की नींद खुलती है। रेलवे के साथ भी कुछ ऐसा ही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सालेम डिवीजन में कुछ दिनों पूर्व किन्नरों द्वारा दो पैसेंजर्स को चलती ट्रेन से फेंकने की घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने देश के सभी ट्रेनों को किन्नर मुक्त कराने का आदेश जारी कर दिया है। जिसके लिए पंद्रह दिन का समय दिया गया है। रेलवे बोर्ड के आदेश पर एक्टिव आरपीएफ की टीम ने छिवकी में एक सप्ताह के अंदर करीब एक दर्जन से अधिक किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई की है।

छिवकी से नैनी तक है किन्नर जोन

इलाहाबाद की बात करें तो यहां हावड़ा-मुंबई रूट पर किन्नरों का आतंक रहता है। छिवकी से मानिकपुर तक किन्नर ज्यादा एक्टिव रहते हैं, जो मुंबई से आने व जाने वाली ट्रेनों में चढ़ कर पैसेंजर्स से पैसे वसूलते हैं। आरपीएफ द्वारा चलाए गए अभियान में पहले भी कई किन्नर पकड़े जा चुके हैं। आरपीएफ के जवानों व अधिकारियों का कहना है कि मानिकपुर से सवार किन्नर नैनी व छिवकी पहुंचने से पहले ट्रेन से कूद कर भाग जाते हैं। जिनकी धर पकड़ व कार्रवाई के लिए इन दिनों कार्रवाई तेज कर दी गई है।

किन्नरों पर आरपीएफ के जवानों की विशेष नजर रहती है। ट्रेन में पैसेंजर्स से बदसलूकी व पैसा वसूलते हुए पकड़े जाने पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। सख्ती की वजह से किन्नर अब दिखाई नहीं देते हैं। इसके बाद भी सतर्कता बरती जा रही है।

-सीएस तोमर

प्रभारी, आरपीएफ नैनी

किन्नरों के खिलाफ अक्सर अभियान चलाया जाता है। इसकी वजह से पिछले कुछ दिनों से किन्नरों का आतंक न के बराबर है। एक सप्ताह के अंदर करीब एक दर्जन किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुंबई से आने व जाने वाली ट्रेनों में मानिकपुर तक विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

-जीएस उपाध्याय

चौकी प्रभारी, आरपीएफ छिवकी