- कैंट स्टेशन का इंस्पेक्शन करने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल

- एक साल में पैसेंजर्स अमेनटीज व सुविधाओं में सुधार दिखने का किया दावा

- दो साल में होगी यार्ड की री-मॉडलिंग, अब 26 कोचेज की लेन्थ के बराबर होंगे प्लेटफॉर्म

VARANASI:

कैंट स्टेशन की मेन बिल्डिंग का लुक ऐसा बनाया जाएगा कि दूर से ही पैसेंजर्स को इस बात का अहसास हो कि बनारस आ गया। स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया को पहले से बेहतर बनाया जाएगा। यह जानकारी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने शनिवार को वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर मीडिया से बातचीत में दी। उन्होंने कहा कि एक साल में बदलाव दिखाई देने लगेगा। चेयरमैन ने बताया कि स्टेशन के ग्राउंड फ्लोर पर पैसेंजर्स के लिए वेटिंग हाल समेत अन्य सुविधाएं देने का प्लैन है। वहीं फ‌र्स्ट फ्लोर पर टूरिस्ट्स के लिए फैसिलिटीज अवेलेबल कराई जाएंगी।

दो साल में यार्ड की री-मॉडलिंग

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के अनुसार कैंट स्टेशन के यार्ड की री-मॉडलिंग स्टार्ट होने वाली है। उम्मीद है कि दो साल में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। यार्ड की री-मॉडलिंग हो जाने से कैंट स्टेशन पर ट्रेंस का ऑपरेशन आसान हो जाएगा।

आपस में जुड़ेंगे फुटओवर ब्रिज

बनारस स्टेशन पर सामान्य तौर पर ख्म् कोचेज वाली ट्रेन रोकने के लिए प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। अगर इसमें किसी तरह की प्रॉब्लम आती है तो ख्ब् कोचेज के प्लेटफॉर्म तो हर हाल में बनाये जाएंगे। कैंट स्टेशन पर जल्द ही तीन और एस्केलेटर भी सेटअप किये जाएंगे। इंस्पेक्शन के दौरान एनईआर के जीएम राजीव मिश्र, नॉर्दर्न रेलवे के जीएम एके पुथिया, आरपीएफ के महानिरीक्षक हरानंद, लखनऊ डिवीजन के डीआरएम एके लाहोटी, वाराणसी डिवीजन के डीआरएम एसके कश्यप, सीनियर डीसीएम अश्रि्वनी श्रीवास्तव, चीफ एरिया मैनेजर रवि प्रकाश चतुर्वेदी, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ। महेंद्र चौधरी, सहायक सुरक्षा आयुक्त एसके पाल समेत कई ऑफिसर्स प्रेजेंट रहे।