मेनू लिस्ट को देख लौट जाते हैं यात्री

जंक्शन के मेन गेट पर यात्रियों की सुविधा के लिए पिछले साल जन आहार का उद्घाटन किया गया था। उस समय इसको लेकर बड़े बड़े वायदे किए गए थे। आज डेढ़ साल बीते के बाद भी वायदे पूरे नहींहो सके हैं। दावा था कि जनाहार में  यात्रियों को देशी विदेशी लजीज व्यंजन परोसे जाएंगे, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज तक विदेशी व्यंजन तो छोड़ दीजिए देशी भी नहीं परोसा जाता है। यही वजह है कि जनाहार से पैसेंजर्स मीनू देख कर ही लौट जाते हैं, क्योंकि उन्हें मनचाहे व्यंजन नहींमिलते हैं।

लेकिन रेलवे है कि ध्यान ही नहीं देती

जनाहार में आने वाले पैसेंजर्स की माने तो रेलवे प्रशासन की तरफ से जब यात्रियों के खाने-पीने की व्यवस्था की है तो फिर वहां खाने-पीने के आइटम्स होने चाहिए। इसके अलावा अच्छा कुक भीहोना चाहिए ताकि यात्रियों को लजीज व्यंजन मिल सके। हैरत की बात तो यह है कि लखनऊ डिवीजन की कॉमर्शियल टीम जंक्शन पर स्थित सभी खानपान स्टालों की चेकिंग तो करती है, लेकिन जनाहार के खाने की क्वालिटी और मीनू आइटम्स बढ़ाने की नसीहत नहीं देता।

फॉरेनर को नहीं मिलते उनके डिश

सितंबर से दिसंबर के बीच गोरखपुर रीजन में टूरिस्ट्स की संख्या में काफी इजाफा होता है, लेकिन जनाहार के मीनू  लिस्ट में चावल-दाल और रोटी सब्जी को छोड़ कोई और आइटम नहीं मिलता। इसको लेकर फॉरेनर टूस्ट्सि काफी परेशान होते हैं। जनाहार में काम करने वाले सुपरवाइजर की मानें तो उनके पास मैनपावर ही नहीं है। न तो उनके पास पर्याप्त कुक हैं और ना ही उनके पास वेटर।

मिलते हैं सिर्फ मीनू में

ब्रेड पकौड़ा, मसाला डोसा, राजमा चावल, इडली, एग बिरयानी, एग करी, चिकन करी, वेज करी, पूड़ी पैकेट।

खानपान को लेकर जंक्शन पर इंस्पेक्शन और मॉनिटरिंग कराई जाती है। रहा सवाल जनाहार में अच्छी क्वालिटी के भोजन और मीनू लिस्ट के आइटम्स का तो उसे शार्ट आउट किया जाएगा।

-आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे