-रेलवे के अधिकृत मोबाइल ऐप्प को गूगल प्ले स्टोर पर सर्च करना मुश्किल

-ऐप्प इंस्टॉल हो गया तो सुविधा मिलना टेढ़ी खीर

VARANASI

पैसेंजर्स को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान कराने के लिए रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन नित नये प्लान लेकर आ रहा है। सुविधाओं के लिए कई नये-नये प्रयोग भी किया जा रहे हैं। पर पब्लिक को इसका फायदा पूरी तरह से नहीं मिल रहा है। इसमें सबसे बड़ा उदाहरण रेलवे का मोबाइल एप्लीकेशन है। दावा है कि घर बैठे ही इसके थ्रू सारी प्रॉब्लम का समाधान संभव है। लेकिन यह दावा सिर्फ हवाहवाई साबित हो रहा है। क्योंकि गूगल प्ले स्टोर में रेलवे का अधिकृत एप्लीकेशन ही नहीं मिल रहा है। प्ले स्टोर में विभिन्न प्राइवेट एजेंसियों द्वारा बनाए गए एप्लीकेशंस की भरमार है। जो एप्लीकेशन हैं वे भी काम के नहीं हैं। उनमें पूरा विंडो ओपेन नहीं हो रहा है। इसके पीछे क्या खेल है यह बताना मुश्किल है।

पेपर पर दौड़ रहा प्लान

पब्लिक की सुविधा के लिए रेलवे की ओर से डेवलप किए गए एप्लीकेशंस केवल पेपर पर ही संचालित हो रहे हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो कम से कम यह इंस्टॉल तो हो ही जाता। वैसे इस सुविधा को भारतीय रेलवे द्वारा तैयार किया गया है, लेकिन इसमें इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) की भूमिका भी है। मोबाइल से टिकट लेने के लिए आईआरसीटीसी रेल पैसेंजर्स का रिचार्ज करेगी। आईआरसीटीसी यह रकम रेलवे को बाद में देती है।

सुविधा से दूर

मोबाइल पर ऐप्प डाउनलोड करने के बाद जर्नी से रिलेटेड सुविधाएं मिलने लगती हैं। लेकिन उनका क्या जो अपने मोबाइल में रेलवे ऐप्प इंस्टाल ही नहीं कर पाएं हैं। वे ढूंढते रह जाते हैं और प्ले स्टोर में अधिकृत ऐप्प मिलता ही नहीं है। इसके चक्कर में कई दूसरे ऐप्प इंस्टाल हो जा रहे हैं। खास बात यह कि प्ले स्टोर में प्राइवेट एजेंसियों द्वारा डेवलप किए गए ऐप्प की भरमार है। इनको इंस्टाल करने में पब्लिक की जेब खाली हो रही है।

ये भी है लोचा

रेलवे की ओर से किए जाने वाले दावे में कितना दम है यह तो जांच का विषय है। पर यह सही है कि अगर किसी तरह ऐप्प आपके मोबाइल पर इंस्टाल भी हो गया तो वह ट्रेंस व प्लेटफॉर्म पर कार्य नहीं करता। दावा कि धोखाधड़ी रोकने के लिए ट्रेनों व प्लेटफॉर्म पर ऐप्प काम नहीं करेगा। कैंपस के बाहर से आपको टिकट लेना होगा। ऐसा इसलिए किया गया है कि यदि यात्री सीधे ट्रेन में सवार हो जाता है और रास्ते में टिकट जांच नहीं होती है, तो रेलवे को नुकसान होगा। यदि जांच होती है तो पैसेंजर्स तत्काल टिकट खरीद सकता है।

यह होगा फायदा

- काउंटर पर भीड़ कम होगी।

- जनरल काउंटर से अवैध वसूली की शिकायतों में कमी आएगी।

-पैसेंजर्स से दु‌र्व्यवहार के मामले भी कम होंगे।