- कैंट रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया से चलते हैं वैध से ज्यादा अवैध वाहन

-रेलवे पैसेंजर्स के साथ कभी भी हो सकती है अनहोनी

VARANASI

कैंट रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर्स की सिक्योरिटी भगवान भरोसे है। यहां ड्राइवर के रूप में क्रिमिनल वारदात को बड़ी ही आसानी से अंजाम दे सकता है। आए दिन होने वाली इस तरह की घटना इसकी बानगी है। इसके अलावा लूट, चोरी और जालसाजी व छिनैती जैसी कई छोटी बड़ी घटनाएं हैं। जो कैंट रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले पैसेंजर्स के साथ हो चुकी है। इतना कुछ होने के बावजूद यहां अवैध रुप से चलने वाले वाहनों की लम्बी कतार है। चंद पैसों के लालच में ऐसे वाहनों को बिना रोक-टोक कैंपस में एंट्री मिल रही है।

विदाउट परमिट दौड़ रहे ऑटो

ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ व डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के अभियान से सिटी में धड़ल्ले से रफ्तार भरने वाले विदाउट परमिट वाले ऑटो के पहिये थम गये। अधिकतर बिना परमिट वाले वाहनों को सिटी से बाहर कर दिया गया। मजे की बात यह है कि सिटी में शिकंजा कसने पर कुछ लोगों ने अब कैंट रेलवे स्टेशन से अपने वाहनों का संचालन शुरु कर दिया है। क्योंकि यहां थोड़ी सी फीस में उन्हें एंट्री दे दी जाती है। बता दें कि पिछले दिनों एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्री पेड वसूली पर रोक लगा दिया था। फिर भी यह खेल यहां बदस्तूर जारी है।

प्री पेड टैक्सी का है खेल निराला

हालांकि हाईकोर्ट से लगी रोक के बाद यहां से संचालित कार से रेलवे रजिस्ट्रेशन फीस को छोड़कर कोई चार्ज नहीं लिया जाता। फिर भी यहां से संचालित सवारी वाहनों से सुविधा शुल्क लेने का खेल खुलेआम चल रहा है। जीआरपी के संरक्षण में यहां भी अवैध वसूली का ठेका मनबढ़ों को दिया जाता है। यहां वैध से ज्यादा अवैध टैक्सी की संख्या है। जिनका कोई लेखा-जोखा नहीं है।

हर ड्राइवर को देना है टैक्स

कैंट रेलवे स्टेशन से सवारी बैठाने वाले हर ड्राइवर को सुविधा शुल्क के तौर पर टैक्स चुकाना पड़ता है। क्योंकि बिना सुविधा शुल्क दिए कोई भी अन्दर कदम नहीं रख सकता है। सोर्सेज के मुताबिक जीआरपी, आरपीएफ से लेकर गेट से बाहर निकलने पर सिविल पुलिस को भी महीना देने का काला नियम है। ऐसे में अवैध वाहनों के ड्राइवर सुविधा शुल्क देते हैं और सवारी भरकर निकल जाते हैं कोई पूछता तक नहीं।

किसी भी हाल में सर्कुलेटिंग एरिया या पार्किंग से अवैध वाहनों का संचालन नहीं होगा। यदि इस तरह की कोई कम्प्लेन मिली तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। इसके खिलाफ जल्द कैंपेन भी चलाया जाएगा।

पीके मिश्रा, एसपी

जीआरपी

एक नजर प्री पेड ऑटो पर

- 162 ऑटो वैध

- 1710 रुपये छमाही लगता है रजिस्ट्रेशन फीस

- 500 से ज्यादा है ऑटो की संख्या

- 10 रुपये प्रति ऑटो देने का है नियम

एक नजर प्री पेड टैक्सी पर

- 45 कार है वैध

- इस साल 24 ने कराया रजिस्ट्रेशन

- 2100 रुपये छमाही है रजिस्ट्रेशन फीस

-100 से ज्यादा है अवैध, इसके बेड़े में टाटा मैजिक और क्रूजर भी शामिल

-अवैध सवारी गाड़ी से लिया जाता है 1000 रुपये महीना

-प्रति ट्रिप एक्स्ट्रा 40 रुपये की होती है वसूली