-बदलता मौसम ट्रेन के इंजन को भी कर रहा बेहाल, इंजन का ल्यूब्रीकेंट हो रहा जाम

-लॉन्ग रूट की ट्रेंस का इंजन चलते-चलते हो जा रहा शटडाउन

VARANASI:

कंपकंपाती सर्दी ने केवल इंसानों को ही अपने आगोश में नहीं लिया है बल्कि मशीनों ने भी इसके सामने घुटने टेक दिए हैं। जबरदस्त ठंड रेल इंजनों की सांसों में अड़चन पैदा कर रही है। इसके चलते ट्रेन्स की स्पीड इफेक्टेड हो रही है तो वहीं इंजन भी बार-बार शट डाउन हो रहे हैं। जिसके चलते ट्रेन्स तय समय में डेस्टिनेशन तक पहुंच नहीं पा रही हैं। इससे सबसे ज्यादा इफेक्टेड लॉन्ग रूट्स की ट्रेन्स हो रही हैं। वे कई-कई घंटे लेट हो जा रही हैं। ऐसी सिचुएशन से निबटने में रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन के भी पसीने छूट रहे हैं। बहरहाल, इंजन के डिस्टर्ब होने का पैसेंजर्स पर सीधा इफेक्ट पड़ रहा है।

घंटों लेट हो जा रहीं ट्रेंस

कई दिनों से धड़ाम चल रहे पारे ने ट्रेन्स की स्पीड को अफेक्टेड किया है। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक कड़ाके की सर्दी में लोको इंजन चलते-चलते ठंडे हो जा रहे हैं। थोड़ा सा भी रेल इंजन धीमा हुआ नहीं कि उसकी स्पीड धीमी हो जा रही है। उस समय चाहकर भी स्पीड को बढ़ाया नहीं जा सकता। एक लोको इंजीनियर ने बताया कि पारा गिरते ही रेल इंजन में पड़ा लुब्रीकेंट जमने लगता है। जिसके बाद वह जब तक दोबारा मेल्ट होकर पतला नहीं हो जाता तब तक इंजन फिर से स्पीड नहीं पकड़ पाता है। इसका असर यह है कि जो ट्रेन्स क्0 घंटे में डेस्टिनेशन तक पहुंच जाती थीं वे इस समय क्भ् से ख्0 घंटे में पहुंच रही हैं।

झेल रहे पैसेंजर्स

जानकारों के मुताबिक ठंड बढ़ने पर इंजन में सर्कुलेट करने वाला ल्यूब्र जमा हो जाता है। ल्यूब जमा होने पर इंजन ऑटोमेटिकली शट डाउन हो जाता है। इस समय बार-बार इंजन के शट डाउन होने का खामियाजा पैसेंजर्स को भुगतना पड़ रहा है। बीच सफर में इंजन बंद हो जाने से पैसेंजर्स बेहाल हो जा रहे हैं। ये प्रॉब्लम दूर न होने से ट्रेन जर्नी कर रहे पैसेंजर्स में रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।

यह किया गया है इंतजाम

-हर स्टेशन पर इंजन को गर्म करने की व्यवस्था की गयी है।

-इंजन को चेक करने के बाद ही आगे रवाना करने का निर्देश दिया गया है।

-प्रत्येक स्टेशन पर ल्यूब को पतला करने का इंतजाम किया गया है।

-स्टेशंस पर एक्स्ट्रा ल्यूब की भी प्रॉपर व्यवस्था की गयी है।