- एक दिन में कई रेलवे सीयूजी नंबर्स पर एक ही नंबर से घनघनाई घंटी

- बैंक डीटेल लेने के बाद खाते से उड़ाए रुपए

- रेलवे के करीब 15 से ज्यादा एंप्लाइज से आरबीआई एंप्लाई बताकर ली गई डीटेल

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : रेलवे ऑफिसर्स और एंप्लाइज के लिए वेंस्डे अच्छा नहीं रहा। उनके सीयूजी नंबर्स पर एक के बाद एक आई फोन कॉल ने उनके होश उड़ा कर रख दिए। फोन कॉल डिस्कनेक्ट होने के बाद उनके मोबाइल पर अकाउंट से पैसे कटने के धड़ाधड़ मैसेज गिरने लगे। एक ही दिन में एक ही नंबर से करीब 15-20 एंप्लाइज के पास फोन गए और उनके अकाउंट खाली हो गए।

30 हजार अकाउंट होने वाले हैं ब्लॉक

ऑडिट ऑफिसर राजकुमार ने बताया कि उनके पास करीब डेढ़ बजे मोबाइल नंबर 09430768652 से फोन आया। उनके मोबाइल में ट्रू कॉलर इंस्टॉल है, जिसपर उसकी आईडी एटीएम शो कर रही थी। कॉल करने वाले ने बताया कि मैं आरबीआई से बोल रहा हूं। आरबीआई 30 हजार अकाउंट ब्लॉक करने वाला हैं और सभी यूजर्स को नया एटीएम कार्ड प्रोवाइड कराया जाएगा। इसकी वजह से उनकी डीटेल कलेक्ट की जा रही है।

ट्रू कॉलर में आईडेंटिटी देख बता दी डीटेल

ट्रू कॉलर पर 'एटीएम' आईडेंटिटी देखने की वजह से उन्होंने अपनी सारी डीटेल कॉलर को बता दी। एओ ने बताया कि अभी उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट भी नहीं की थी कि उनके मोबाइल पर बैलेंस कटने के एसएमएस आने स्टार्ट हो गए। उन्होंने कॉलर को इसके बारे में पूछा तो उधर से उसने गोलमोल रिप्लाई किया। जब राजकुमार को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो उन्होंने फौरन अपने ड्राइवर को भेजकर एटीएम का पिन चेंज करवाया। तब तक उनके अकाउंट से 50 हजार रुपए की शॉपिंग की जा चुकी थी।

नंबर लगातार रह रहा है ऑन

ऑडिट ऑफिसर ने बताया कि जब उन्होंने उस नंबर पर दोबारा कॉल की तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया। हालांकि फोन स्विच ऑफ नहीं हो रहा है, लेकिन फोन रिसीव भी नहीं कर रहा है। जब उन्होंने इसकी चर्चा अपने दूसरे फ्रेंड्स से की, तो उन्हें पता चला कि उनके मोबाइल पर भी सेम नंबर से कॉल आई है और उनके अकाउंट से भी हजारों रुपए की शॉपिंग कर ली गई है। इस मामले की शिकायत उन्होंने एसएसपी से भी की है।

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कभी शेयर न करें अकाउंट डीटेल

इस मामले में जब आई नेक्स्ट ने बैंक के आला अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि बैंक कभी भी किसी से डीटेल नहीं मांगता। उनके पास सभी डीटेल्स और डाटा अवेलबल होता है। इसलिए अगर कोई अकाउंट नंबर, एटीएम कार्ड नंबर और पिन नंबर पूछे तो उसे हरगिज न बताएं। ऐसे मामलों में फ्रॉड होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि कस्टमर्स को अवेयर करने के लिए बैंक रेग्युलर एसएमएस भी भेजते हैं, जिससे कि उनके यूजर्स के साथ कोई फ्रॉड न हो।

ऐसे हो सकता है मिसयूज

वेबसाइट पर ऐसी सैकड़ों ऑनलाइन शॉपिंग साइट मौजूद हैं, जिन्हें आसानी से एक्सेस किया जा सकता है। इनसे परचेजिंग के लिए यूजर्स को सिर्फ 16 डिजिट का एटीएम कार्ड नंबर और पिन की दरकार होती है। यह दोनों डीटेल मौजूद होने के बाद आदमी आसानी से शॉपिंग कर सकता है। कार्ड नंबर और एटीएम पिन की हेल्प से कई मोबाइल रीचार्ज और बिल पेमेंट भी आसानी से हो सकते हैं, इसलिए जहां तक पॉसिबल हो, अपने एटीएम का नंबर और कोड किसी से शेयर न करें।

अदर केसेज

केस 1

रेलवे के ही चीफ वर्कशॉप मैनेजर के पास भी एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने उनसे भी आरबीआई वाला बनकर डीटेल हासिल कर ली। इस दौरान उनके अकाउंट से 20-20 हजार रुपए के चार ट्रांजेक्शन हो गए।

केस - 2

लखनऊ में कार्यरत रेलवे के डीओ पीके श्रीवास्तव के साथ भी ऐसा ही मामला सामने आया। उनके मोबाइल पर सेम नंबर से ही कॉल आई। उनकी डीटेल हासिल कर उनके अकाउंट से 25 हजार रुपए निकाल लिए गए।

केस - 3

असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर पीपी धूसिया भी फ्रॉड का शिकार हो गए। उनके अकाउंट की सारी डीटेल हासिल कर जालसाजों ने 20 हजार रुपए निकाल लिए।