रेलवे अधिकारी शैलेन्द्र कपिल ने किया 'शैलेन्द्र जय परिशिष्ट' पुस्तक का विमोचन

ALLAHABAD: विपरीत हालात में जहां बड़ी बड़ी पत्रिकाएं बंद हो रही हैं। ऐसे में रचनाएं और रचनाकारों के सामने संकट कम नहीं हैं। साहित्यिक नगरी में साहित्य की बुलंदी बरकरार रखना उम्मीद जगाता है। 'गुफ्तगू' पत्रिका ने यह काम कर दिखाया है। यह बात वरिष्ठ रेलवे अधिकारी शैलेंद्र कपिल ने कही। रविवार को वे गुफ्तगू संस्था की ओर से आयोजित 'शैलेंद्र जय परिशिष्ट' पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रहे थे। संस्था की तरफ से कार्यकम का आयोजन सिविल लाइंस स्थित बाल भारती स्कूल में किया गया था।

उम्मीद जगाता है 'गुफ्तगू' का प्रकाशन

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित बुद्धिसेन शर्मा ने कहा कि आज के दौर में जब धर्मयुग और साप्ताहिक हिन्दुस्तान जैसी पत्रिकाएं बंद हो गई हैं, 'गुफ्तगू' के लगातार 14 साल से प्रकाशित होना उम्मीद जगाता है। रविनंदन सिंह ने कहा कि शैलेंद्र जय की कविता अपनी अलग पहचान रखती है। इस अंक में प्रो। नामवर सिंह का इंटरव्यू और डॉ। बशीर बद्र का शेर इसको बेहद स्तरीय बना रहा है। संचालन इम्तियाज़ अहमद गाजी ने किया।

मुशायरे का भी हुआ आयोजन

दूसरे दौर में मुशायरे का आयोजन किया गया। अख्तर अजीज, सागर होशियारपुरी, धीरज, मोइन उस्मानी, शिवपूजन सिंह, नरेश महरानी समेत कई अन्य द्वारा मुशायरा पेश किया गया। इस मौके पर अर्पणा सिंह, माहिर मजाल, योगेंद्र मिश्र, विवेक सत्यांशु, डॉ। वीरेंद्र तिवारी, अजय कुमार पांडेय, अरविंद वर्मा, सुनील दानिश, अजीत शर्मा आकाश, अरुण कुमार श्रीवास्तव और अदिति मिश्रा ने काव्य पाठ किया।