आई एक्सक्लूसिव

मितेंद्र गुप्ता

- घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक नगर निगम ने किया था नाला निर्माण

- पार्षद की शिकायत पर दो साल बाद नगर आयुक्त ने की कार्रवाई

मेरठ। नाला निर्माण में कथित हेराफेरी कर दुकानदारों को लाभ पहुंचाने वाला नगर निगम अचानक जाग गया है? यकीन करना मुश्किल है, लेकिन हालात कुछ यही बता रहे हैं। आरोप है कि दुकानदारों के अवैध निर्माण को मौन स्वीकृति देकर निर्माण के दौरान नाले का रास्ता ही बदल दिया गया था। गौरतलब है कि 2015 में जब नाला बन रहा था, तभी एक पार्षद ने अफसरों के गोलमाल की जानकारी दी थी, लेकिन किसी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। अब इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।

सत्ता बदलने से अंदाज बदला

यूपी में सत्ता बदलने से अफसरों के अंदाज भी बदलने लगे हैं और फाइलों में धूल फांक रही तमाम शिकायतों पर कार्रवाई हो रही है। नगर निगम का भी कुछ यही हाल है। घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक हुए नाला निर्माण में अनियमितता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं। चीफ इंजीनियर को एक माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

27 लाख की लागत से निर्माण

दो साल पहले नगर निगम ने घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक तकरीबन 50 दुकानों के आगे 27.50 लाख रुपये की लागत से 500 मीटर लंबे नाले का निर्माण किया गया था। इस मामले में वार्ड 51 के पार्षद विजय आनंद ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारियों ने नाला का निर्माण ठीक प्रकार से नहीं कराया। दीवार से मिलाकर नाले का निर्माण करने के बजाए अधिकारियों ने आगे से निर्माण कर दिया। ऐसा दुकानों के अवैध निर्माण को वैध करने के लिए किया गया, जिससे सड़क की चौड़ाई कम हो गई।

अपर नगर आयुक्त को जांच

हालांकि, शिकायत तो उसी समय हुई थी, जब नाले का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन सत्ता के दबाव में किसी ने भी सुध लेने की जरूरत नहीं समझी और मनमर्जी मुताबिक नाले का निर्माण पूरा कर दिया गया। सरकार बदलने पर अब इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। नगर आयुक्त ने मामले की जांच अपर नगर आयुक्त राम भरत तिवारी को दी है। एक माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

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दो साल पहले की शिकायत

पार्षद विजय आनंद ने दो साल पहले महापौर और नगर आयुक्त से शिकायत की थी। उसके बाद से वह लगातार इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब दो साल की शिकायत पर जांच बैठी है। बीते दो साल से शिकायत की अनदेखी की जा रही थी। पार्षद का आरोप है कि कब्रिस्तान की छह दुकान, मीट की चार दुकानें तथा ताज होटल से निगम ने रास्ता बदल दिया और उनके आगे से नाले का निर्माण कर दिया गया है।

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वर्जन

दो साल से निगम के अधिकारियों ने ठीक से जवाब नहीं दिया। मैने इस दौरान जो भी नगर आयुक्त आए, उन्हें पत्र लिखकर जांच की मांग की। लेकिन किसी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

-विजय आनंद, पार्षद वार्ड 51

पार्षद ने शिकायत की थी। अपर नगर आयुक्त को जांच करने के निर्देश दिए हैं। एक माह में जांच पूरी हो जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-डीकेएस कुशवाहा नगर आयुक्त