स्लग: पतरातू में एसीजीएम पद पर तैनात थे अनिल कुजूर

-पत्थलकुदवा की बेक गली में रहता है पूरा परिवार

-बड़े भाई उल्लास फ्रांसिस कुजूर गए असम, पटना रेलवे में हैं सीएमई

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RANCHI(28 June): रांची के लोअर बाजार थाना एरिया के पत्थलकुदवा निवासी 45 वर्षीय अनिल कुजूर की हत्या असम में कर दी गई। इसके बाद शव को टाट में लपेट कर पुरानी रेलवे लाइन के पास फेंक दिया। यह वारदात चार दिन पहले की है। जब अनिल के परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो पता चला कि न्यू बोंगईगांव रेलवे पुलिस ने अनिल के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। परिजनों ने एक षडयंत्र के तहत अनिल कुजूर की हत्या का आरोप विभागीय अधिकारियों पर लगाया है। मृतक के बड़े भाई उल्लास फ्रांसिस कुजूर अपने सहयोगियों के साथ असम गए हैं। वे पटना रेलवे में सीएमई के पोस्ट पर तैनात हैं।

कौन थे अनिल कुजूर

अनिल कुजूर भारतीय रेल में एसीजीएम के पद पर थे और पतरातू में पोस्टेड थे। हाल ही में उनका ट्रांसफर समस्तीपुर से पतरातू हुआ था। रांची में उनकी पत्नी पूनम एक्का, बेटा अनिमेष और बेटी शीनम हैं, जो पत्थलकुदवा के बेक रोड में पुश्तैनी मकान में रहते हैं। बेटा जेवियर कॉलेज में पढ़ता है, जबकि बेटी शीनम जमशेदपुर में सीआईटीई में पढ़ती है। पूनम एक्का ओरमांझी स्थित हुटाप में प्राइमरी टीचर के पद पर हैं। अनिल कुजूर ने रांची के सेंट जॉन्स स्कूल के बाद गोस्सनर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था।

ख्क् को हुई थी पत्नी से बातचीत

पूनम एक्का ने बताया कि अनिल से उनकी बात ख्क् जून को हुई थी। इसमें पता चला था कि उसे एक काम से असम जाना है। उसके साथ ऑफिस के दो अन्य लोग भी जा रहे हैं। वहीं, बेटे अनिमेष ने बताया कि अनिल कुजूर ख्क् जून को असम पहुंचे थे। उन्होंने न्यू बोंगईगांव स्थित एसबीआई एटीएम से दो बार ट्रांजेक्शन भी किया था। एक बार पांच हजार और दूसरी बार ख्0 हजार रुपए निकाले थे।

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फेसबुक से पता चला कि अनिल नहीं रहे

अनिल के परिजनों को फेसबुक पोस्ट और लिंक के आधार से पता चला कि अनिल कुजूर की मौत हो चुकी है। उनकी हत्या कर दी गई है। असम में फेसबुक में वहां के रिपोर्टरों ने एक वीडियो और फोटो अपलोड किया था। इसमें अनिल की बॉडी को एक टाट में लिपटा हुआ दिखाया गया है। जब अनिल की बेटी को इसकी जानकारी मिली तो उसने असम में रह रहे अपने दोस्तों पता करने को कहा। इसके बाद दोस्तों ने फेसबुक खंगाला और पाया कि अनिल कुजूर की मौत हो चुकी है। उनकी मौत से संबंधित सूचना ख्ब् जून को अपलोड हुई थी। बेटे अनिमेष ने बताया कि ख्क् जून की दोपहर ख्.फ्0 बजे के करीब उनका लोकेशन न्यू बोंगई स्टेशन मिला था। बाद में ख्ब् जून को उन्होंने ऑफिस में अटेंडेंस भी बनाया था।

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जबरन भेजा था सीनियर डीएनई ने

ऑफिस के लोगों के मुताबिक, अनिल कुजूर असम नहीं जाना चाहता थे। उन्हें जबरन उसके डीएनई द्वारा भेजा गया था। उनके साथ असम जानेवालों में एक हाजीपुर तो दूसरा पतरातू का व्यक्ति था। जाते वक्त अनिल को रिजर्वेशन नहीं मिला तो वे वहां से बरकाकाना उतर गए। फिर, वहां से समस्तीपुर चले गए। फिर पता चला कि वे अवध एक्सप्रेस ट्रेन से रांची आ रहे हैं। लेकिन, वे रांची नहीं आए और रात में एक परिचित के यहां समस्तीपुर में ही रह गए।