रेलवे के साइकिल स्टैंड को राख बना देगी एक चिंगारी

कई साल पुराने पार्किंग में एक शेड का नहीं हुआ इंतजाम

GORAKHPUR: रेलवे स्टेशन के साइकिल स्टैंड में खड़ी होने वाली बाइक की सुरक्षा भगवान भरोसे हैं। ऐसा इसलिए नहीं है कि उनके चोरी होने का कोई खतरा है। बल्कि आग से बचाव के इंतजाम के अभाव में यह खतरा बना है। गर्मी के मौसम में कड़ी धूप के बीच सीधे आसमान तले खड़े होने वाले वाहनों के लिए एक चिंगारी जहां शोला बनकर भड़क सकती है। वहीं, शेड के अभाव में पेट्रोल टैंक के फटने का खतरा बराबर बना हुआ है। करीब ढाई हजार बाइक खड़ी करने वाली क्षमता वाले स्टैंड में साढ़े 12 करोड़ रुपए कीमत की बाइक खड़ी होती है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि आग के खतरे को देखते हुए पुख्ता प्रबंध कराए जाएंगे। शेड का निर्माण कराने के लिए भी कार्रवाई होगी।

दुर्घटना से बचाव में राख हो जाएंगी गाडि़यां

गोरखपुर जंक्शन के फ‌र्स्ट क्लास गेट के सामने एनई रेलवे का साइकिल स्कूटर स्टैंड बनाया गया है। कई साल पुराने स्टैंड में ढाई हजार से अधिक बाइक और साइकिल खड़ी करने का स्पेस है। ट्रेन से आवागमन करने वाले ज्यादातर लोग बाइक को स्टैंड में खड़ा करा देते हैं। बाइक खड़ी कर पैंसेजर्स इस बात से निश्चिंत हो जाते हैं कि उनकी बाइक की चोरी नहीं होगी। पेट्रोल टैंक सहित अन्य सामान भी सुरक्षित रहेंगे। लेकिन इस स्टैंड में खड़े होने वाले वाहनों पर आग का खतरा 24 घंटे मंडराता रहता है। स्टैंड में आग से बचाव का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। आग लगने पर जब तक बुझाने के लिए दमकल की गाडि़यां पहुंचेंगी। तब तक पूरा स्टैंड राख बन जाएगा। स्टैंड में किसी तरह की घटना होने पर इसका सीधा असर दो सौ मीटर की दूर स्थित स्टेशन बिल्डिंग और पैंसेजर्स भ्ाी पड़ेगा।

पैसा देकर भी झेल रहे माैसम की मार

स्टैंड में खड़ी होने वाली बाइक पर आग के अलावा भी कई तरह के खतरे मंडराते रहते हैं। स्टैंड में वाहनों की सुरक्षा के लिए शेड का कोई व्यवस्था नहीं है। सभी बाइक और साइकिलों को आसमान तले खड़े होते हैं। गर्मी के मौसम में सीधे धूप में खड़े होने वाले वाहनों के पेट्रोल टैंक का प्रेशर बढ़ने पर विस्फोट का खतरा बना रहता है। साथ ही ज्यादा समय तक खड़े होने वाली बाइक की रंगत भी उड़ जा रही है। स्टैंड में बाइक खड़ी करने के लिए निर्धारित शुल्क देने के बावजूद लोगों को शेड की सुविधा नहीं मिल पा रही।

धूप से होता इस तरह का नुकसान

सीधे धूप पड़ने से टैंक में पेट्रोल का प्रेशर बढ़ता है। टैंक के फटने का खतरा रहता है।

धूप लगने से वाहनों के पेंट पर प्रभाव बढ़ता है। रियेक्शन से केमिकल रिलीज होकर पाल्युशन फैलाते हैं।

वाहनों में लगे प्लास्टिक हार्मफुल होते हैं। धूप की वजह से उनमें केमिकल रियेरक्शन होता रहता है।

बाइक के टॉयर, सीट और अन्य चीजें भी प्रभावित होती हैं जिससे उनकी लाइफ कम हो जाती है।

फैक्ट फीगर

रेलवे स्टैंड में बाइक की क्षमता- ढाई हजार

रोजाना आवागमन करने वाले वाहन- 400 से छह सौ तक

रोजाना स्टैंड में खड़े होने वाले वाहन- दो हजार से अधि

वर्जन

गर्मी के मौसम में बाइक के टैंक में पेट्रोल फुल नहीं होना चाहिए। गर्मी की वजह से टैंक में पेट्रोल फैलता है। इससे गैस रिलीज हो जाती है। गैस के पे्रशर से टंकी के फटने की संभावना बढ़ जाती है। पेट्रोल अति प्रज्ज्वलनशील होता है इसलिए आग लगने के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता।

देवेंद्र कुमार लोहिया, असिस्टेंट प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, आईटीएम

गर्मी के मौसम को देखते हुए आग से बचाव से सभी उपाय किए जाने चाहिए। स्टैंड में आग से निपटने का इंतजाम न होना गंभीर बात है। घटनाओं की संभावना को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। स्टैंड में खड़े होने वाले वाहनों की सुरक्षा के लिएं शेड निर्माण के संबंध में भी कार्रवाई की जाएगी।

संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे