VARANASI

कोहरे से पहले स्मॉग ने ट्रेंस के शेड्यूल को पूरी तरह से डिस्टर्ब कर दिया है। इसको देखते हुए रेलवे अलर्ट हो गया है। कारण कि इस दौरान ट्रेन एक्सिडेंट की घटनाएं बहुत बढ़ जाती हैं। फिलहाल ट्रेंस की टक्कर रोकने वाली नयी टेक्निक ट्रेन कोलीजन एवाइडेंस सिस्टम (टीसीए सिस्टम या टी कैस) को आजमाने की तैयारी हो रही है। एनईआर की ओर से किया गया ट्रायल भी सक्सेसफुल रहा है। अब इसे जल्द ही टे्रंस में लगा दिया जाएगा। जिससे एक्सिडेंट को रोका जा सके। सिस्टम के लग जाने पर ट्रेंस सिग्नल को ओवरशूट भी नहीं करेंगी।

 

आमने-सामने की रोकेगा टक्कर

यह सिस्टम आमने-सामने, पीछे और साइड के टक्कर को रोकेगा। नई तकनीक को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) के एडवाइस पर हैदराबाद और बेंगलुरु की फर्मो ने तैयार किया है। खास बात यह कि अन्य क्षेत्रीय रेलवे में इसे लागू भी किया जा चुका है। ऑफिसर्स का कहना है कि एनई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा, छपरा-औडि़हार-वाराणसी और वाराणसी-इलाहाबाद रूट पर टी कैश को लागू करने के लिए चिन्हित किया है। इसके लिए रेलवे बोर्ड का भी सिग्नल मिल गया है।

 

 

जीपीएस पर कार्य करेगा टी कैस

टी कैस ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) पर आधारित होगा, जिसे इंजन में लगाया जाएगा। टी कैस में रेलवे स्टेशन और सिग्नल के सभी लोकेशन फीड रहेंगे, जिसमें रेडियो सिस्टम भी रहेगा। ट्रेन के चलने के साथ ही टी कैश काम करने लगेगा, जिसके बाद रेलवे ट्रैक की सभी गतिविधियों को लोको पायलट और स्टेशन मैनेजर को मिलता रहेगा। रेलवे ट्रैक पर किसी भी व्यवधान के आने पर ख्भ् मीटर पहले ही यह लोको पायलट को एलर्ट कर देगी।

 

 

ऐसे बचाएगा टी कैस

- दो ट्रेनों की टक्कर होने से बचेगी

-ट्रेन सिग्नल ओवरशूट नहीं करेगा

-जबरदस्त धुंध में भी लोको पायलट को मिलती रहेगी सिग्नल की सूचना

-लोको पायलट को डिरेलमेंट की भी मिलती रहेगी जानकारी

-इंजन के पीछे कोचेज की गतिविधियों पर भी रखा जा सकेगा नजर

 

 

कोहरे के दौरान ट्रेंस ऑपरेशन को डिस्टर्ब होने से बचाने के लिए यह सिस्टम कारगर साबित होगा। कम से कम लोको पायलट को प्रत्येक गतिविधि की जानकारी मिलती रहेगी।

संजय यादव, सीपीआरओ

एनईआर, जोन