- झरना हो चुका है वर्षो पहले बना लोहे का ओवरहेड टैंक
BAREILLY:
रेलवे प्रबंधन की लापरवाही से रोजाना हजारों लीटर पीने का पानी बर्बाद हो रहा है। जीआरपी थाने के पीछे लोहे का बना ओवरहेड टैंक पूरी तरह से झरना हो गया है। लोहे का टैंक जगह-जगह से गल चुका है। पम्प चला कर जब भी पानी टैंक में भरा जाता है, पानी टपकने लग जाता है। पूरे दिन पानी टपकने का सिलसिला चलता रहता है। चूंकि, इसी टैंक का पानी जंक्शन के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर बने वाटर बूथ तक जाता है, सो प्लेटफॉर्म पर पानी की किल्लत हो जाती है, जिसकी वजह से जंक्शन पर यात्रियों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
कांटीन्यू चलता है मोटर
वॉटर टैंक की क्षमता 19,815 लीटर की है। टैंक से पानी की सप्लाई रेलवे कॉलोनी और जंक्शन के वॉटर बूथ को होती है। प्लेटफॉर्म नम्बर 1-4 तक इसी टैंक से पानी की सप्लाई होती है। फिर भी वर्षो पहले बने ओवरहेड टैंक की मरम्मत कराने की जहमत ऑफिसर नहीं उठा रहे हैं। लिहाजा टैंक में भरा जाने वाला पानी जितना इस्तेमाल नहीं हो पाता है उससे कहीं अधिक बर्बाद हो जाता है। टैंक में पानी नहीं ठहरने के कारण ही एक पम्प हमेशा चलते रहता है। ताकि, टैंक से प्लेटफॉर्म पर बने वाटर बूथ पर पानी की सप्लाई बनी रही।
बिजली की भी बर्बादी
इससे न सिर्फ पानी की बर्बादी हो रही है। बल्कि लगातार पम्प चलने के कारण बिजली की भी बर्बादी हो रही है। लेकिन इसके बाद भी रेलवे प्रबंधन आंखें मूंदे हुए है। जबकि, थोड़ी से मरम्मत कर टैंक को सही किया जा सकता है। इसके बाद भी ऑफिसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक्शन और रेलवे कॉलोनी के लिए चार ओवरहेड टैंक और चार मोटर पम्प है। तीन ओवरहेड टैंक सीमेंटेड हैं। वहीं दूसरी ओर कई वॉटर बूथ के नल टूट हुए हैं, जिसके जरिए पानी की बर्बादी हो रही है।
यात्री होते हैं परेशान
जंक्शन से होकर रोजाना करीब 200 ट्रेनें गुजरती हैं। जिसमें हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं। सिर्फ जनरल टिकट पर बरेली जंक्शन से रोजाना 15000 से अधिक मुसाफिर गंतव्य स्थान पर जाते हैं। यात्रियों को न चाहते हुए भी जंक्शन पर पानी खरीद कर पीना पड़ता है। हालांकि, प्लेटफॉर्म नम्बर 1,2 और 3 पर रेलवे ने वॉटर वेंडिंग मशीन लगवा रखे हैं। जहां से सस्ते दर पर पानी खरीदा जा सकता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब निशुल्क पानी ही सुविधा प्लेटफॉर्म पर मौजूद है, तो फिर उसी चीज के लिए पैसा क्यों देना पड़े।
बॉक्स
- 30 हजार से अधिक यात्री जंक्शन से अप-डाउन करते हैं।
- 200 सुपरफास्ट, एक्सप्रेस और पैसेजर्स ट्रेनें अप-डाउन करती हैं।
- 20 के करीब फ्रीजर और वाटर बूथ बने हुए हैं।
- 8 वाटर वेंडिंग मशीन।
- 4 ओवरहेड टैंक।
- 4 पम्प।
- 2 पम्प कांटीन्यू चलते हैं।
जंक्शन पर पीने के पानी को लेकर बहुत समस्या होती है। वाटर बूथ के नल भी टूट हुए है। रेलवे को चाहिए की सही करे।
सारा खान, यात्री
प्लेटफॉर्म पर ही नहीं कभी-कभी तो कोच में भी पानी नहीं होता है। जिसकी वजह से हाथ धोने या टॉयलेट जाने पर परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सानू काजमी, यात्री