- कोहरे, बारिश में लोको पायलट को मिलेगी मदद

- रडार मैपिंग के जरिए आधा किमी पहले होंगे सजग

GORAKHPUR: कोहरे में ट्रेन लेट होने के बाद रेलवे प्रशासन की नींद खुली है। ट्रेनों की लेटलतीफी से निपटने के लिए रेलवे त्रिनेत्र की मदद लेगा। ट्रायल पूरा होने के बाद इसे लगाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। हालांकि जब तक यह व्यवस्था मुकम्मल होगी तब तक जाड़े का मौसम खत्म हो जाएगा। इस साल सर्दियों में भले न डिवाइस काम आए। लेकिन आने वाले समय में इसका पूरा फायदा मिलेगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि नई टेक्नॉलाजी से ट्रेनों को जल्द ही लैस किया जाएगा।

950 मीटर पहले देगा सूचना

रेल अधिकारियों का कहना है कि कोहरे से निपटने के लिए त्रिनेत्र अब तक सबसे उम्दा डिवाइस है। कोहरे के दौरान पटरी पर किसी चीज की मौजूदगी की सूचना डिवाइस करीब 950 मीटर पहले दे देगा। अलर्ट मिलने पर लोको पायलट ट्रेन की स्पीड को आसानी से नियंत्रित कर सकेंगे। पटरी पर किसी जानवर और आदमी की मौजूदगी का अंदाजा डिवाइस से तत्काल लग जाएगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि चूहे की तरह छोटे जानवर की मौजूदगी आधा किलोमीटर पहले मिल जाएगी। यह चीजों को डिटेक्ट करके सूचना भेजते हुए अलर्ट कर देगा। इससे समय रहते ट्रेन को रोकने में मदद मिलेगी। सुपरफास्ट, मेल और एक्सप्रेस गाडि़यों में इसका इंतजाम किया जाएगा।

बारिश से जूझने में मिलेगी कामयाबी

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जाड़े में भले इसका उपयोग न हो सके। लेकिन आने वाले बरसात के मौसम में काफी फायदा पहुंचेगा। क्योंकि बारिश और कोहरे में डिवाइस ठीक से काम करती है। रडार मैपिंग आधारित टेक्नोलॉजी से लैस होने की वजह से कोहरे में इसकी विजिबिलिटी बनी रहती है। ट्रेन चला रहे लोको पायलट को इसकी रीयल टाइम लोकेशन ट्रैक करने में मदद मिलती है। रेलवे अधिकारी बताते हैं कि त्रिनेत्र डिवाइस में दो इन्फ्रारेड कैमरे, एक वीडियो कैमरा, रडार मैपिंग सिस्टम और लेजर लाइट्स का प्रयोग किया गया है। लेजर लाइट्स और रडार मैपिंग से कोहरे में एक किलोमीटर की दूरी से पटरी पर मौजूद चीजों की तस्वीरें मॉनीटर पर नजर आ जाएंगी। दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में उपकरण का ट्रायल सफल होने के बाद इसे लगाने की तैयारी चल रही है।

वर्जन

ट्रेनों को फॉग सेफ्टी डिवाइस से लैस किया गया है। त्रिनेत्र काफी उम्दा और हाईटेक्नोलॉजी का उपकरण है। इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है। आने वाले दिनों में इस उपकरण से ट्रेन को लैस करने की योजना है जिसका फायदा एनई रेलवे को भी मिलेगा। हाई टेक्नोलाजी से लैस होने पर खराब मौसम में ट्रेनों की गति को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

- संजय यादव, सीपीआरओ