दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एक्सक्लूसिव

-लेट बोई गई 18 लाख हेक्टेयर गेहूं की फसल के लिए मौसम में बदलाव अच्छा

-टेम्परेचर लगातार 40 डिग्री के ऊपर बना रहने से बिगड़ रही थी गेहूं की सेहत

KANPUR : गुरुवार को सिटी में हुई ओलों की बौछार के साथ बारिश ने एक तरह से लेट बोई गई गेहूं की फसल के लिए फायदा पहुंचाया है। बारिश का प्रभाव गेहूं की क्वालिटी पर पड़ेगा न कि क्वाटिंटी पर। खेत में खड़ी फसल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। खेत में काटकर जो बंडल बनाकर रखा गए हैं उस गेहूं का कलर कटाई के बाद हल्का काला हो जाएगा। जिसकी वजह से उसके रेट साफ गेंहू की तुलना में किसान को कम मिलेंगे।

40 डिग्री का तापमान घातक

चन्द्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के मौसम साइंटिस्ट डॉ। अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि गुरुवार को सिटी में करीब 4 मिलीमीटर बारिश हुई है। हालांकि बारिश की पहली बौछार में ओले गिरे, लेकिन चंद सेकेंड में ही ओले रुक गए और रिमझिम बारिश हो गई। पूरे देश में करीब 95 लाख हेक्टेयर गेहूं बोया गया है, जिसमें कि करीब 18 लाख हेक्टेयर गेहूं की बुआई दिसंबर लास्ट या फिर जनवरी के फ‌र्स्ट वीक मे की गई है। जिस तरह से अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या फिर उससे ऊपर चल रहा है, उससे लेट बोए गए गेहूं की फसल की सेहत बिगड़ रही थी।

पारा गिरने से गेहूं की सेहत सुधरेगी

डॉ। दुबे ने बताया कि इस लोकल बारिश की वजह से जो गेहूं की फसल खराब हो रही थी उसे काफी राहत मिल जाएगी। अधिकतम तापमान करीब चार से पांच डिग्री सेल्सियस गिर गया है। लेट गेहूं की फसल या तो दुग्धावस्था में है या फिर पकने की कगार पर है। इस पानी से लेट फसल को निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा। बारिश कानपुर, कानपुर देहात, हरदोई, उन्नाव व लखनऊ में हल्की फुल्की हुई है।

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आलू, धान की वजह से लेट हुआ

किसान का गेहूं वहीं पर लेट हुआ है जहां उसने आलू या फिर लेट धान और तुरई की फसल काटने के बाद गेहूं बोया है। किसानों ने करीब 18 लाख हेक्टेयर में लेट गेहूं की फसल बोई थी। जिसमें यह पानी काफी असरदार साबित होगा। डे बाई डे पारा बढ़ने से इस फसल को नुकसान हो रहा था। गर्म तेज हवाओं से फसल की नमी धीरे-धीरे खत्म हो रही थी। इससे गेंहू की क्वालिटी खराब हो जाती है। लेट बोए गए गेहूं की क्वालिटी हल्की हो जाती है।