- बारिश के मौसम में सब्जियों में लगी महंगाई की आग

- सीजन की सब्जियों का दाम सुनकर ग्राहकों का दिमाग चकराया

KANPUR : बारिश के मौसम में सब्जियों के दामों में ऐसी आग लगी है कि बुझने का नाम नहीं ले रही है। सीजन की सब्जियां भी जेब खाली कर रही हैं, वहीं टमाटर, शिमला मिर्च तो आम आदमी की खरीदने की क्षमता के बाहर हो चुका है।

महंगाई का एक और झटका इस वक्त सब्जी का बाजार दे रहा है। हालात यह हैं कि 100 रुपए की सब्जी झोले में पता ही नहीं चलती। सबसे ज्यादा परेशान तो भिण्डी और तरोई जैसी सब्जियों ने किया है।

कोई सब्जी सस्ती नहीं बिक रही

इन सब्जियों का इस समय सीजन पूरे उफान पर है। आमतौर पर इन दिनों भिण्डी 15-20 रुपए और तरोई 10-12 रुपए किलो से ज्यादा नहीं बिकती थी। इस बार इनमें ऐसी आग लगी कि भिण्डी और तरोई 40 रुपए से कम नहीं बिक रही है। यही नहीं 10-15 रुपए किलो बिकने वाला करेला भी 40 रुपए किलो को पार कर गया है। इन सब्जियों के साथ लौकी और कद्दू ने भी रंग बदल लिया है इनके रेट भी 30 रुपए किलो से कम नहीं चल रहे हों। सब्जी मंडी की महंगाई यही पर नहीं रुकी, हरी धनिया 200 रुपए किलो और पुदीना पत्ता की एक गड्डी 50 पैसे के बजाय 2 रुपए की बिक रही है।

टमाटर के दाम अभी और चढ़ने के आसार

आलू प्याज का भाव थोड़ा राहत दे रहा है। 16 से लेकर 22 रुपए तक प्रति किलो आलू और प्याज 12-15 रुपए किलो बिक रहा है। अरे हों इस सभी सब्जियों को स्वाद देने वाले टमाटर की तो बात ही न पूछिए। उसके रेट इस वक्त 80 रुपए किलो से कम नहीं है। बाजार में कहा जा रहा है कि अभी इसके दाम और चढ़ सकते हों। अन्य सब्जियों में शिमला मिर्च 80 रुपए, बीन्स 80 रुपए और गाजर 60 रुपए किलो बिक रही है। कुल मिला कर सब्जी ोंडी में इस वक्त सब्जी खरीदने का मतलब है कि कम से कम 400-500 रुपए खर्च करिए तभी झोले में पता चलेगा कि आपने सब्जी खरीदी है।

बारिश की वजह से कम हुई आवक

फूलबाग मण्डी में सब्जी दुकानदार अंकुर सोनकर ने बताया कि बारिश की वजह से सब्जी की आवक कम हो जाने से रेट चढ़ रहे हैं। अभी अगर बारिश और बढ़ेगी तो बाजार चढ़ना निश्चित है।