अंदरखाने जारी है सुगबुगाहट
वहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नेतृत्व द्वारा राज बब्बर के इस्तीफे के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है। इसके पीछे राज्यसभा चुनाव को वजह माना जा रहा है। ऐसे मौके पर राज बब्बर का इस्तीफा पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद दो राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंप दिया था। वहीं मंगलवार को यह चर्चा रही कि राज बब्बर ने भी उन्हें अपना इस्तीफा भेज दिया है।

राज बब्बर की दूरियां जगजाहिर

इस घटनाक्रम को आगामी लोकसभा चुनाव में संभावित महागठबंधन से जोड़ा जा रहा था। चुनाव में सपा और बसपा से दोस्ती की सूरत में कांग्रेस को ऐसे चेहरे की तलाश है जो दोनों दलों के साथ सियासी मेलजोल को बढ़ा सके। वहीं सपा से राज बब्बर की दूरियां जगजाहिर हैं। अब देखना यह है कि राज बब्बर कितने दिनों तक प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालते हैं और पार्टी नेतृत्व यूपी के संगठन में बदलाव को लेकर क्या निर्णय लेता है।

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