रघुराम राजन ने इन्वेस्ट्मेंट लिमिट्स पर अपनी ओपीनियन ऐनालिस्ट्स से शेयर करते हुए कहा कि ये ध्यान रखना चाहिए कि सरकार ने पिछले बजट में इन्वेंस्टमेंट पर टैक्स छूट की लिमिट 50,000 रुपये बढ़ाई थी. अब सवाल यह है कि क्या टैक्स छूट लिमिट को और ऊपर किया जा सकता है? उन्होंने कहा कि बीते समय में रियल टैक्स बेनेफिट में गिरावट आई है क्योंकि काफी लंबे समय से टैक्स छूट की लिमिट 1 लाख रुपये ही रुकी हुई थी. अब इसे इसे बढ़ाने की जरूरत है. पब्लिक प्रविडेंट फंड, प्रविडेंट फंड, न्यू पेंशन स्कीम, इंश्योरेंस पॉलिसियां और इक्विटी से जुड़ी सेविंग स्कीमों में 1.50 लाख रुपये तक इन्वेस्ट  होने पर इनकम टैक्स 80 C के अंडर टैक्सेबल इनकम के हिसाब से टैक्स डिडक्ट किया जाता है और इससे सेविंग में हेल्प होती है.

इस मुद्दे पर ध्यान देने वाली बात ये है कि नेशनल सेविंग रेट आयी गिरावट करीब 30 परसेंट के लेबल पर पहुंच गई है. जबकि 2008 के फाइनेंशियल ईयर में यह 36.9 परसेंट के लेबल पर थी. फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने जुलाई 2014 के अपने बजट में इस सीमा को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया था. अब जनरल बजट में वह 28 फरवरी को इस पूरे साल के लिए बजट पेश करेंगे.

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