- सांसद ने पिछले एक साल में सिर्फ 17 प्रस्ताव बनाकर भेजे
- 5 करोड़ रुपए में से सिर्फ ढाई करोड़ रुपए ही हुआ रिलीज
- 17 में से सिर्फ 11 प्रस्तावों का ही बन पाया है एस्टीमेट
- पब्लिक के बीच न के बराबर है सांसद की मौजूदगी
Meerut : अगर पिछले एक साल की बात करें तो सांसद निधि के नाम पर सिर्फ डेढ़ दर्जन प्रस्तावों के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का एस्टीमेट मंजूर हुआ है। जो रुपया आया है वो ढाई करोड़ रुपए आया है। जबकि एक सांसद को एक साल में अपने लोकसभा क्षेत्र में साल में पांच करोड़ रुपए के विकास कार्य कराने होते हैं। वहीं पब्लिक की मानें तो जिस तरह से एक सांसद का पब्लिक इंट्रैक्शन होना चाहिए, उतना नहीं है। हां, अगर कहीं किसी मॉल, दुकान या किसी फंक्शन की ओपनिंग करनी होती है तो वहां के लिए टाइम निकाल लिया जाता है।
पहली खेप ढाई करोड़ की
सीडीओ ऑफिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार सांसद निधि में एक साल की पहली खेप जो आई है, वो ढाई करोड़ रुपए की आई है। जिनमें से सिर्फ डेढ़ करोड़ रुपए के प्रस्ताव तैयार हुए है। बाकी प्रस्तावों के एस्टीमेट मांगे गए हैं। ताज्जुब की बात तो ये है कि सांसद को एक साल होने के बाद पूरे पांच करोड़ रुपए के प्रस्ताव बनाने तो दूर पहली खेप के ढाई करोड़ रुपए का कामों का एस्टीमेट तैयार नहीं करा सके हैं। जिन डेढ़ करोड़ रुपए के एस्टीमेट तैयार हुए हैं उन पर काम भी शुरू नहीं हो सका है।
इनमें खर्च होंगे डेढ़ करोड़ रुपए
विकास भवन के अधिकारियों के अनुसार सांसद की ओर से स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर ब्9 शौचालय बनवाने का प्रस्ताव दिया है। एक शौचालय बनवाने की कीमत क्.ब्7 लाख रुपए रखी है। इस तरह से सभी शौचालय के निर्माण में करीब 7ख् लाख रुपए का एस्टीमेट खर्च होगा। वहीं क्म् प्रस्ताव सड़कों पर इंटर लॉकिंग और डेंस कार्पिटिंग के हैं। जिनमें से सिर्फ क्0 का एस्टीमेट बन पाया है। जिनकी लागत 78.8भ् लाख रुपए है।
कुछ इस तरह के प्रस्ताव
प्रस्ताव लागत
ब्9 शौचालय 7ख् लाख
गार्डन व्यू कॉलोनी
में डेंस कार्पिटिंग क्0.फ्क् लाख
गंगोत्री कॉलोनी
में इंटर लॉकिंग 9.फ्9 लाख
कैंट वार्ड-ब् में
में इंटर लॉकिंग 8.9ब् लाख
डेंरियो गांव में
में इंटर लॉकिंग क्फ्.9ख् लाख
साधारणपुर गांव
में में इंटर लॉकिंग क्ख्। 8फ् लाख
स्याल गांव में
में इंटर लॉकिंग ब्.ख्0 लाख
छिलोरा गांव में
में इंटर लॉकिंग फ्.8म् लाख
पंच गांव में
इंटर लॉकिंग क्.80 लाख
सिसोली गांव में
इंटर लॉकिंग 9.भ्ख् लाख
भावनपुर गांव में
शेड और दीवार ब्.07 लाख
कब और कहां मिलते हैं?
अगर बात सांसद के पब्लिक से मिलने की करें तो लोकसभा क्षेत्र में सम्मिलित पांच विधानसभाओं को अलग दिन और जगह दी हुई है। सांसद किठौर विधानसभा में दो जगहों पर बैठते हैं। दक्षिण में दो, शहर में दो, कैंट में एक और हापुड़ एक जगह बैठते हैं। हापुड़ में सांसद शनिवार को जाते हैं। बाकी विधानसभाओं जो मेरठ में हैं उन्हें चार दिन दिन देते हैं। बचे हुए दो दिन सरकारी कामों को पूरा करते हैं।
क्षेत्र में दिखते हैं कम
अगर बात अपने क्षेत्र का दौरा करने की करें तो अपने सांसद इसमें काफी पीछे हैं। नौचंदी निवासी राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि जब से सांसद जीते हैं साल में दो बार भी हमारे इलाके में दौरा करने नहीं आए। यहीं हाल कुछ कैंट विधानसभा का है। पीएल शर्मा रोड निवासी सचिन त्यागी की मानें तो राजेंद्र अग्रवाल हमारे छह सालों से लगातार सांसद हैं, लेकिन जितना उन्हें पब्लिक के बीच इंट्रैक्शन रखना चाहिए, उतना नहीं रखते हैं। वहीं रेलवे रोड निवासी कुश अग्रवाल का कहना है कि जब राजेंद्र अग्रवाल से कोई काम कहना होता है वो तुरंत कराते हैं। साथ हमारे क्षेत्र में भी आते रहते हैं।
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राजेंद्र अग्रवाल को पब्लिक के बीच न के बराबर ही देखा है। जितना पब्लिक के बीच उन्हें होना चाहिए वो नहीं होते हैं।
- सचिन त्यागी, पीएल शर्मा रोड
उन्हें सिर्फ अगले अखबारों में ही किसी मॉल का उद्घाटन करते हुए या किसी स्कूल का फंक्शन एटेंड करते हुए देखा गया है। वरना इलाके में तो नहीं देखा।
- नरेंद्र शर्मा, राजेंद्र नगर
हमारा घर राजेंद्र अग्रवाल के काफी नजदीक है। उसके बाद भी वो काफी कम इलाके में नजर आते हैं। मिलना भी काफी मुश्किल होता है।
- कपिल शर्मा, जागृति विहार
आना तो दूर की बात उसने मिलना भी काफी मुश्किल होता है। पिछले एक साल में वो हमारे इलाके में कभी नहीं आए।
- विनय कुमार, रोहटा रोड
सांसद राजेंद्र अग्रवाल से जब भी संपर्क किया जाता है वो अवेलेबल होते हैं। कभी्र-कभी क्षेत्र में भी आ जाते हैं।
- कुश अग्रवाल, रेलवे रोड
हमने दिसंबर में प्रस्ताव बनाकर भेजे थे, लेकिन अभी तक उनमें कोई काम शुरू नहीं हुआ। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। ताज्जुब की बात तो ये है कि पीएम की शौचायल की योजना तक को इंप्लीमेंट नहीं किया गया है, जो कि गलत है। हम इस बात की शिकायत उच्चाधिकारियों से करेंगे।
- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद
शौचालयों और बाकी दस जगहों के लिए सड़क निर्माण के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपए के एस्टीमेट तैयार हो चुके हैं। जिन पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। बाकी के एस्टीमेट तैयार किए जा रहे हैं।
- नवनीत चहल, सीडीओ, मेरठ