एक बड़ा उदाहरण पेश किया

जी हां अक्सर बोर्ड रिजल्ट के बाद स्टूडेंट के सुसाइड की खबरें आती हैं। फेल होने व नंबर कम होने के बाद वह खुद को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। हाल ही में कुछ बोर्ड के रिजल्ट घोषित हुए हुए हैं। जिनमें कुछ स्टूडेंट ने आत्महत्या जैसे कदम उठाए हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के जबलपुर के राजकरण से नहीं रहा गया। उन्होंने बोर्ड रिजल्ट के इस दौर में बच्चों के सामने खुद का एक बड़ा उदाहरण पेश किया है। उनका कहना है कि सफलता पाने के लिए आत्महत्या नहीं बल्िक लगातार कोशिश जरूरी होती है। निश्चित है कि एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।

m.sc के एग्‍जाम में 19 बार हो चुके हैं फेल,कहते हैं आत्‍महत्‍या नहीं कोशिश से मिलती है सफलता

20वीं बार एग्जाम की तैयारी

वह अपने निजी जीवन के बारे में कहते हैं कि बचपन से ही घरेलू नौकर के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी इच्छा थी कि वह मैथ से एमएससी करें। इसके लिए काम का बोझ और पढाई एक साथ कर पाना थोड़ा मुश्िकल था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने 1997 से रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से गणित से एमएससी शुरू किया था। तब से लेकर अब तक वह करीब 19 बार फेल हो चुके हैं लेकिन वह अभी भी इसे पास करने की कोशिश में हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपने आप पर पूरा भरोसा है कि वह एक दिन जरूर पास होंगे।

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सुसाइड करना इसका हल नहीं

इसके साथ ही उनका पैरेंट्स से भी कहना है कि वह अपने बच्चों को समझाने का प्रयास करें कि सफलता जरूरी नहीं कि एक बार में ही मिल जाए। अगर सुसाइड करना इसका हल होता तो वह अब तक कितनी बार ये कदम उठा चुके होते हैं। बच्चों के इस कदम से उन्हें बहुत दुख होता है। उन्हें हताश नहीं होना चाहिए। राजकरण ने 1993 में ग्रेजुएशन की पढा़ई की थी। उन्होंने रद्दी में मिलने वाली पुरानी किताबें पढ़कर ग्रेजुएशन की की परीक्षा थी। इसके बाद से वह आज भी अपने गणित से एमएससी करने वाले सपने को पूरा करने में लगे हैं।

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