प्रधान की हत्या का था मामला

25 दिसंबर 1989 को नया गांव के प्रधान एक बच्चे शेरू को हाथ पैर बांधकर पीट रहा था। राजकुमार ने इसका विरोध किया। राजकुमार के विरोध करने पर प्रधान ने राजकुमार को अपना दुश्मन मान लिया और उसे परेशान करने लगा। राजकुमार ने प्रधान के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कुछ समय बाद प्रधान राजकुमार को परेशान करने लगा। प्रधान राजकुमार के घर हमले करवाने लगा। प्रधान की हरकतों से तंग आकर राजकुमार ने प्रधान की हत्या कर दी। प्रधान की हत्या करने के जुर्म में राजकुमार 9 साल तक फरार रहा। साल 2000 में राजकुमार ने खुद को सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।

11 साल की कैद में 7 किताबें

जेल पहुंचे राजकुमार ने 2003 से अनपढ़ लोगों को पढ़ाना शुरू किया। राजकुमार ने जेल में कैदियों की मनोदशा और जेल में उनके जीवन पर किताबे भी लिखीं। अभी तक राजकुमार ने 7 किताबें लिखीं है। राजकुमार द्वारा कैदियों के लिए उनके काम के लिए गवर्नर एवं सूबे के कारागार मंत्री और विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों सहित कारागार प्रशासन द्वारा राजकुमार को सम्मानित किया गया। उन्हें अब तक 21 अवार्ड मिल चुके हैं। राजकुमार को अनगिनत बार सम्मान भी मिला। जेल में रहने के दौरान ही राजकुमार ने अपनी लाइफ पार्टनर हेमलता का हाथ थामा था। राजकुमार ने हेमलता के साथ जेल में सात फेरे भी लिए थे। जेल के अंदर हुए इस विवाह समारोह के लिए राजकुमार ने खूब सुर्खियां बटोंरीं थीं।

निर्दोषों को छुड़ानें की मुहिम

प्रधान हत्या के मामले में 11 साल की सजा काटने के बाद राजकुमार 2011 में जमानत पर जेल से बाहर आए। अब राजकुमार जेल में बंद निर्दोष कैदियों को छुड़ाने की मुहिम में लगे हैं। उनकी इच्छा है कि वह सीएम से मिलकर यूपी की जेलों में बंद निर्दोष कैदियों की रिहाई की गुहार लगाएं। राजकुमार ने बताया अगर उनकी इस मुहिम की सुनवाई नहीं होगी तो वह सम्मान में मिले सारे अवार्ड संबंधित प्रशासन को वापस लौटाने की कवायद शुरू करेंगे। जेल में बंद निर्दोष कैदियों की हालत चिंताजनक है। वह मानसिक रूप से टूट चुके हैं। इसलिए वह कैदियों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ना चाहते हैं।

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